जैविक खेती कितने प्रकार की होती है

 जैविक खेती कितने प्रकार की होती है

जैविक खेती कई प्रकार की होती है, जैसे कि जलवायु और भूमि के आधार पर विभिन्न तरीकों में की जा सकती है। कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:


1. जलवायु आधारित खेती: इसमें किसी विशेष जलवायु क्षेत्र में सहेजी जाने वाली जैविक तत्वों की खेती शामिल होती है।

 जलवायु आधारित खेती में खेती की प्रक्रिया और फसलों का चयन विशिष्ट जलवायु स्थितियों के आधार पर की जाती है। इसमें विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं, जो विशिष्ट जलवायु परिस्थितियों में अधिक सफलता प्राप्त कर सकती हैं। यह तरीका जलवायु बदलावों के साथ बेहतर प्रदर्शन करने वाली फसलों की खेती को संभावित बनाता है।


2. सब्जीफलों की खेती: इसमें फल, सब्जियां और हरे पौधों की खेती शामिल होती है जो खाद्य और पौष्टिक भोजन के लिए उपयोग होते हैं।

सब्जीफलों की खेती खाद्य और पौष्टिक भोजन की आपूर्ति को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, और हरे पौधे उगाए जाते हैं जो खाद्यता, पोषण और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। यह खेती लोगों को विभिन्न प्रकार के पोषण सामग्री प्रदान करने में मदद करती है और किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण होती है।


3. अनाजों की खेती: इसमें अन्नदाता फसलों की खेती शामिल होती है, जैसे कि गेहूं, चावल, जौ, बाजरा, रागी आदि।

अनाजों की खेती अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसमें अन्नदाता फसलें उगाई जाती हैं, जो हमारे आहार का मुख्य हिस्सा होते हैं। गेहूं, चावल, जौ, बाजरा, रागी आदि जैसी फसलें विभिन्न भागों में उगाई जाती हैं और लोगों को आवश्यक आहार प्रदान करने में मदद करती हैं। यह खेती आर्थिक और खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

4. बागवानी: यह फूलों, पौधों, और अन्य हरे खेतों की खेती को सम्मिलित करता है जो डेकोरेटिव उद्देश्यों के लिए उपयोग होते हैं।


5. फलों की खेती: इसमें फलों की खेती शामिल होती है जैसे कि आम, सेब, केला, अनार, अंगूर, आदि।


6. फसलों की संघटना: इसमें अलग-अलग प्रकार की फसलों की संघटना करके सामान्य खेती से अधिक उत्पादकता हासिल करने का प्रयास किया जाता है।


ये केवल कुछ प्रमुख जैविक खेती के प्रकार हैं, और इसके अलावा भी अन्य विशेषताएँ हो सकती हैं।

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