भारत में ब्लूबेरी की खेती की संभावना। और ब्लूबेरी खेती कैसे की जाती है उससे संबंधित संपूर्ण जानकारी। और ब्लूबेरी से प्रति एकड़ लाखों की आमदनी।

 

भारत में ब्लूबेरी की खेती की संभावना। और ब्लूबेरी खेती कैसे की जाती है उससे संबंधित संपूर्ण जानकारी। और ब्लूबेरी से प्रति एकड़ लाखों की आमदनी।




भारत में ब्लूबेरी (blueberry) खेती की संभावना हालांकि मौजूद है, लेकिन यह विशेष रूप से ठंडे मौसम और पहाड़ी क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जा सकती है. ब्लूबेरी खेती के लिए निम्नलिखित तत्वों की आवश्यकता होती है।


1. मौसम: ब्लूबेरी blueberry पौधों को स्थायी ठंड की आवश्यकता होती है जो उन्हें समृद्ध फल उत्पादन के लिए आदर्श बनाती है. इसलिए, भारत के उत्तरी और पश्चिमी राज्यों के ठंडे क्षेत्रों में यह खेती के लिए अच्छे मौसमी स्थान हो सकते हैं, जैसे कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मेघालय और नगालैंड.


2. मिट्टी: ब्लूबेरी पौधों को अम्लीय मिट्टी पसंद होती है जिसमें पीएच (pH) स्तर 4.5 से 5.5 के बीच हो. यह मिट्टी अमलशील होनी चाहिए, ताकि पानी और पोषक तत्वों का अच्छा वितरण हो सके।


3. पानी की आपूर्ति: ब्लूबेरी पौधों को नियमित और स्थायी जल आपूर्ति की आवश्यकता होती है. यह पानी ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के माध्यम से स्थापित किए गए सिंचाई प्रणालियों के द्वारा प्राप्त की जा सकती है।


4. वितरण और बाजार: ब्लूबेरी खेती के लिए उचित वितरण और बाजार आवश्यक होते हैं ताकि उत्पादों को उचित मूल्य पर बेचा जा सके. अधिकांश शहरी क्षेत्रों में ब्लूबेरी के प्रतिष्ठित बाजार मौजूद हैं, लेकिन कृषि संगठनों और उद्यमियों के सहयोग से नए बाजार मिल सकते हैं।


ब्लूबेरी की खेती एक नया और अन्यत्र कम प्रचलित फसल है, लेकिन भारत में उसकी मांग बढ़ रही है. यदि उपरोक्त तत्वों को ध्यान में रखकर एक अच्छे रूप से प्लान किया जाए, तो ब्लूबेरी खेती का संभावनाओं का आकलन किया जा सकता है।

ब्लूबेरी blueberry खेती के लिए मिट्टी कैसे तैयार की जाए।

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ब्लूबेरी खेती के लिए उचित मिट्टी की तैयारी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पौधों के संगठन और पोषण को सुनिश्चित करने में मदद करती है। नीचे ब्लूबेरी खेती के लिए मिट्टी की तैयारी के कुछ महत्वपूर्ण चरण दिए गए हैं:

1. मिट्टी का चयन: ब्लूबेरी खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन करें। ब्लूबेरी पौधों को ज्यादातर अमीद या लोमी मिट्टी पसंद होती है, जो नींबू की मिट्टी की तरह गुदामल का रंग होता है। इसमें अच्छा निकास, मात्रा में पानी रखने की क्षमता, और अच्छी ड्रेनेज़ प्रणाली होनी चाहिए।

2. मिट्टी की तैयारी: मिट्टी को उचित ढंग से तैयार करें। यह शुरुआती वर्षों में योग्य मिट्टी उपलब्ध करने के लिए सबसे अच्छा होगा। मिट्टी में वर्मी कंपोस्ट की मात्रा को बढ़ाकर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाया जाए। 



3. मिट्टी का pH मान: ब्लूबेरी पौधों को पानी निकासी वाली मिट्टी  पसंद होती है, जो मुख्य रूप से एसिडिक होती है। मिट्टी का pH मान 4.5 से 5.5 के बीच होना चाहिए। यदि आपकी मिट्टी का pH मान उच्च है, तो आपको मिट्टी को एसिडिक बनाने के लिए सल्फर के लिए एक योजना बनानी चाहिए।

4. मिट्टी की उचित द्रवितता: ब्लूबेरी पौधों को ठंडी मिट्टी और मात्रा में पानी की उचित आपूर्ति प्रदान करने की आवश्यकता होती है। मिट्टी को नमीपूर्ण रखने के लिए सुनिश्चित करें, लेकिन जल भरे होने नहीं चाहिए। यह शुष्क रहने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ब्लूबेरी पौधों को उचित नमी प्रदान करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

इन चरणों के माध्यम से आप ब्लूबेरी खेती के लिए उचित मिट्टी को तैयार कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि आपके पौधे स्वस्थ और प्रफल होंगे।

ब्लूबेरी की खेती के प्रति एकड़ कितनी आमदनी

ब्लूबेरी की खेती के आमदनी प्रति एकड़ विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि क्षेत्र, मौसम, उत्पादकता, बाजार मूल्य आदि। यह क्षेत्रफल और उपज के मानकों पर भी आधारित हो सकती है। इसलिए, ब्लूबेरी की खेती से प्रति एकड़ आमदनी की निश्चित मात्रा निर्धारित करना कठिन है।

फिर भी, ब्लूबेरी की खेती का न्यूनतम संभावित आमदनी करिब 20,00000 रुपये प्रति एकड़ तक हो सकती है। हालांकि, इसे भी प्रभावित करने वाले अनेक तत्व हो सकते हैं और यह संख्या विभिन्न स्थानों और परिस्थितियों में भिन्न हो सकती है।

ब्लूबेरी की खेती के लिए सफल उपजाऊ पैमाने पर, उच्च गुणवत्ता वाली पौधों का चुनाव, सही खेती तकनीकी, उपज के निर्माण और उचित बाजारी की खोज और बिक्री की योजना का महत्वपूर्ण रूप से ध्यान रखना महत्वपूर्ण होगा।

यह आमदनी आंकड़ा भारतीय मूल्यांकन, बाजार और स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकता है, इसलिए यदि आपको अपने खेती विस्तार के लिए विस्तृत और निश्चित आमदनी की जानकारी चाहिए, तो सर्वोत्तम तरीका स्थानीय कृषि विशेषज्ञों या कृषि विभाग से संपर्क करना होगा।

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