सस्टेनेबिलिटी फार्मिंग sustainability farming image विश्व पृथ्वी दिवस 2022 । भूमि के बढ़ते तापमान का नियंत्रण

 सस्टेनेबिलिटी फार्मिंग sustainability farming image विश्व पृथ्वी दिवस 2023 । भूमि के बढ़ते तापमान का नियंत्रण

विश्व पृथ्वी दिवस 2023 में हमें  पृथ्वी की सुरक्षा के लिए सर्वप्रथम बढ़ते हुए तापमान को नियंत्रित करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग में सर्वाधिक तापमान के बढ़ने की वजह से प्रतिवर्ष जलवायु परिवर्तन होते जा रहे हैं  अंटार्कटिका महाद्वीप के बड़े-बड़े ग्लेशियार तापमान के बढ़ने से अपने अस्तित्व को होते चले जा रहे हैं जिस वजह से समुद्र से लगे हुए बहुत से बड़े शहर तापमान बढ़ने की वजह से बढ़ते जलस्तर से डूब के समुद्र में समाहित हो जाएंगे
पूरे विश्व की जनसंख्या में किसान ही सर्वाधिक भूमि का उपयोग करता है किसान अगर चाहे तो सस्टेनेबिलिटी फार्मिंग कर बढ़ते हुए तापमान को नियंत्रित कर सकता है और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करके पृथ्वी की रक्षा कर सकता है



सस्टेनेबिलिटी फार्मिंग कर बढ़ते हुए तापमान को नियंत्रित 

सस्टेनेबिलिटी फार्मिंग से भूमि की जुताई कम से कम की जाएगी। और खेत को फूड फॉरेस्ट के द्वारा भूमि की पूरी तरह से मंचिंग हो जाएगी खाली पड़े खेत में अलग-अलग प्रकार के पेड़ पौधे का रोपण किया जाएगा और खस घास के द्वारा भूमि की जल  सही उपयोग में लाकर टिकाऊ खेती की जाएगी।




















इस विधि से खेती से भूमि में प्राकृतिक मंचिंग हो जाती है । हरे भरे पेड़ होने की वजह से सूर्य की घातक  किरण भूमि में नहीं पहुंच पाती जिससे नमी भूमि की बरकरार रहती है और भूमि के तापमान को बढ़ने से रोकता है।

सस्टेनेबिलिटी फार्मिंग फूड फॉरेस्ट क्यों करना चाहिए।

अनाज वर्गी फसल धान गेहूं में औसतन ज्यादा लागत आती है और अतिरिक्त जल संसाधन का खर्च हो जाती है मीथन गैस
का उत्सर्जन धान के खेत में अधिक होता है जिससे वायुमंडल का तापमान बढ़ता है धान की फसल की तुलना में फूट फॉरेस्ट खेती करने पर मीथन गैस का उत्सर्जन रोका जा सकता है और वायुमंडल के कार्बन को भूमि में एकत्रित की जा सकती है जिससे तापमान में होने वाली वृद्धि को रोका जा सकता है धान की फसल के अपेक्षाकृत फ़ूडफोरेस्ट सस्टेनेबल फार्मिंग है बिना लागत की खेती से हम बहुत से अतिरिक्त लाभ कमा सकते हैं
 सस्टेनेबल फार्मिंग फूड फॉरेस्ट करने से भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाया जा सकता है क्योंकि ऐसे फार्मिंग में जल की सीमित आवश्यकताएं रहती है बड़े फसल अपने खाद से संबंधित और सकता है भूमिगत जल खनिज पदार्थ से ले लेती है जिससे किसानों को अतिरिक्त खाद की व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं होती

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Biju kumar: Kheti kisan food forest farming Agriculture in india में उपरोक्त कुछ विशेष लेख के लिंक दिए गए हैं इन्हें जरूर पढ़ें। खेती किसानी की जानकारी ले।

किसानों के साथ-साथ देशभर के किसानों के उत्पाद को प्रयोग करने वाले आम भारतीयों को भी जहर मुक्त अनाज फल सब्जी से संबंधित विशेष जानकारी प्रदान करना ताकि आम भारतीयों को भी भारत के किसान के योगदान को प्रोत्साहन करने हेतु आगे आ सके और इस योगदान के साथ ही भारत की पर्यावरण संरक्षण जल संरक्षण वायु प्रदूषण को रोकने में सहयोग कर पाए

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