कंदमूल लगाने का सही समय क्या है जिमीकंद की खेती कैसे करें।

 जिमीकंद कंदमूल लगाने का सही समय क्या है। जिमीकंद की खेती कैसे करें।kandmul ki kheti kaise kare

Kandmul क्या है
कंदमूल क्या है।



जंगली खेती प्राकृतिक खेती से हमें भूमि की उपजाऊ क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जाती है। भूमि के जैविक कार्बन और जैविक बैक्टीरिया का विकास दिन प्रतिदिन बढ़ते चले जाता है खेती पूरी तरह से टिकाऊ पद्धति पर आश्रित हो जाने के कारण हमें समय-समय पर विभिन्न प्रकार की फसलों की बुवाई करनी होती है
कद्दू वर्गीय पौधे जैसे रतालू जिमीकंद टैपिओका आदि की बुवाई फसलों में अंकुरित होने के साथ-साथ शुरू कर देनी चाहिए अप्रैल मई के महीने में जिमीकंद रतालू के अंकुरित होने का समय होता है ऐसे समय में जमीन में फसलों के अवशिष्ट पदार्थ बिछा के जिमीकंद रतालू की बुवाई कर देनी चाहिए।




जिमीकंद रतालू लगाने की ही विधि



जिमीकंद रतालू लगाने के लिए कंद का ही उपयोग किया जाता है। जिमिकंद रतालू लगाने से पहले कंद को एक से डेढ़ किलो तक की वजन के हिसाब से काट देना चाहिए। एक से डेढ़ किलो के कंद लगाने से जिमीकंद रतालू की हर साल हर हार्वेस्टर की जा सकती है, और अच्छा वजन आने के वजह से बाजार में बेच के अतिरिक्त लाभ कमाया जा सकता है।
काटे गए जिमीकंद रतालू को गोबर के घोल में डुबोकर के उसे छांव में सुखा देना चाहिए जिससे कंद में किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन नहीं आता है और पूरी तरह से कंद लगने के लिए तैयार हो चुकी होती है।

कंदमूल जिमीकंद लगाने के बाद खेत की देखे कैसे की जाए

अप्रैल मई के महीने में कंदमूल लगाने के बाद हल्की सिंचाई की आवश्यकता रहती है हल्की सिंचाई हमें हफ्ते के तीन बार करनी आवश्यक हो जाती है। जिससे पौधे सही समय पर विकसित होकर तैयार हो जाएंगे बारिश आने के बाद कंदमूल की पौधे में सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी





कंदमूल जिमीकंद लगाने के उपरांत खरपतवार का निदान कैसे की जाए

जिमीकंद की खेती में खरपतवार की समस्या बारिश के मौसम में आती है ऐसे समय में खरपतवार को जड़ सहित उखाड़ के हमें जिमीकंद के फसल के चारों ओर मंचिंग कर देनी चाहिए जिससे अवशिष्ट पदार्थ के जैविक कार्बन तैयार होकर जिमीकंद को उचित पोषण प्रदान करेंगे।






जिमीकंद की फसल की हार्वेस्टर कैसे और कब की जाए।






जिमीकंद की फसल 7 से 8 महीने की होती है जिमीकंद के पत्ते पूरी तरह से परिपक्व होने के उपरांत सुख के झड़ने लग जाते हैं ऐसे समय में जिमीकंद की हार्वेस्टिंग की जा सकती है अप्रैल-मई में लगाए गए जिमीकंद को दिवाली के उपरांत नवंबर दिसंबर में हार्वेस्टर की जा सकती है। जिमीकंद के कंद 1:30 से 2 किलो का रोपण करने से प्रतिवर्ष 5 से 10 किलो की उत्पादन प्रति पौधे ली जा सकती है इसलिए जिमीकंद की खेती में जैविक कार्बन की मात्रा जहां तक हो सके बढ़ा के रखे ऐसे करने से जिमीकंद की उत्पादन क्षमता बढ़कर किसानों को अच्छी-खासी आमदनी मिल सकती है।

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