Modiji is promoting Natural farming

Modiji is promoting Natural farming

 

Modiji is promoting Natural farming फुकुओका जैविक प्राकृतिक खेती फार्मिंग में जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया।







प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने  के लिए एक जन आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया। इस कड़ी को बढ़ाते हुए जंगली खेती पाठशाला फुकुओका जैविक प्राकृतिक खेती प्रणाली के माध्यम से जन आंदोलन चाहता है
फुकुओका जैविक प्राकृतिक खेती फार्मिंग में जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया अन्य जैविक खेती से भिन्न है। इस फार्मिंग में भूमि की जैविक संरचना को छेड़छाड़ किए बिना जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया निरंतर 12 महीना चलती रहती है।
फुकुओका जैविक खेती फार्मिंग से भूमि में स्थिर जीवाणु बैक्टीरिया केचुआ को निरंतर अवशिष्ट पदार्थ के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराते रहते हैं जीवाणु बैक्टीरिया केचुआ द्वारा अवशिष्ट पदार्थ को जैविक खाद के रूप में परिवर्तन करते हुए अपना विकास क्रम भूमि में निरंतरता बनाए रखते हैं जिससे भूमि का जैविक संरचना का पूर्णता विकास होता रहता है भूमि में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ने से भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ जाती है और फसलों का उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होने से अच्छे उत्पादन मिल जाते हैं।

Modi is promoting Natural farming फुकुओका जैविक प्राकृतिक खेती फार्मिंग में फसलों की बुवाई कैसे की जाती है।

इस विधि में फसलों की बुवाई जीरो टिल फार्मिंग या सीडबॉल प्रणाली से की जाती है इनमें किसी भी प्रकार की गहरी जुताई नहीं की जाती। प्रकृति के जैविक संरचना को सुरक्षित रखते हुए बीज को भूमि में रोपित कर दी जाती है।
भूमिगत जैविक कार्बन सुषमा जीवाणु बैक्टीरिया केचआ भूमि की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाते चले जाते हैं और फसलों का उत्पादन जहर मुक्त भोजन प्राप्त हो जाता है
प्राकृतिक खेती में फसलों को अवशिष्ट पदार्थ से मंचिंग की जाती है जो सूर्य की तेज घातक किरणों से भूमि को सुरक्षित रखता है भूमि के जल स्तर को वाष्पीकरण होने से बचाता है और खरपतवार को रोकने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।


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किसान फुकुओका जैविक प्राकृतिक फार्मिंग कैसे शुरू करें

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आह्वान है कि किसान अपने कुछ भूभाग में प्राकृतिक खेती की शुरुआत करें किसान अपने कुछ खेत के हिस्से में प्रयोग के तौर पर प्राकृतिक खेती की शुरुआत करें किसानों को इससे लाभ होने पर प्रकृति खेती को अपने बचे हुए और खेत में बढ़ाने का प्रयास करें ऐसे करने से किसानों को प्राकृतिक खेती से संबंधित प्रायोगिक जानकारी बढ़ते चले जाएगी और देश में प्राकृतिक खेती को सफलता पूर्ण अपनाया जा सकेगा

भविष्य में प्राकृतिक खेती को अपनाने से होने वाले लाभ।

  1. प्राकृतिक खेती को अपनाने से किसानों के बंजर होते भूमि को फिर से उपजाऊ बनाया जा सकता है।
  2. प्राकृतिक खेती करने से जल प्रदूषण वायु प्रदूषण को रोका जा सकता है।
  3. फसलों को जहर मुक्त की जा सकती है जिस के उपयोग से हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएंगे।
  4. प्राकृतिक खेती अपनाने से किसानों की बढ़ती लागत को कम की जा सकती है और फसलों से अच्छा उत्पादन लेकर लाभ कमाया जा सकता है।
  5. प्राकृतिक खेती से जलवायु परिवर्तन को रोका जा सकता है।
  6. इससे भूमि में घटते जल स्तर को रोका जा सकता है।

फुकुओका फार्मिंग श्री राजू टाइटल्स श्री सुभाष पालेकर श्री आकाश चौरसिया ऐसे ही अनगिनत और भी किसान और किसानों का व्हाट्सएप ग्रुप में जब प्राकृतिक खेती जंगली खेती जीरो बजट फार्मिंग और भी अन्य प्राकृतिक विधि पर आधारित खेती पर किसानों के बीच आपस में चर्चा होती रहती है। तो संभव है कि देश के प्रधानमंत्री को भी यह संदेश जाएगा कि ऐसा भी एक खेती होता है जो प्रकृति के विधि से की जाती है उनका यह प्रोत्साहन ऐसे ही बहुत से किसान ग्रुप के द्वारा किए गए मेहनत का ही फल है इसे राजनीतिक चर्चाओं में शामिल ना करके हम जैसे किसानों के मेहनत का परिणाम समझ सकते हैं अगर जहर मुक्त रासायनिक रहित खेती से हमें शुद्ध भोजन मिल सकता है तो प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया आह्वान का भी हमें स्वागत करना चाहिए




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