छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक मशरूम का उत्पादन बहुतायत में क्यों होता है?

छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक

 मशरूम का उत्पादन

 बहुतायत में क्यों होता है?।

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 mushroom

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 abundance in

 Chhattisgarh?

छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक मशरूम का उत्पादन mushroom productionअत्याधिक मात्रा में होता है। बालोद जिले के दल्ली राजहरा शहर में आसपास के ग्रामीण अंचलों से जंगली क्षेत्र से प्राकृतिक मशरूम mushroomकी तोड़ाई कर बाजार में बिकने हेतु हर वर्ष मानसून के शुरू होने के साथ ही आने लग जाता है। छत्तीसगढ़ में मशरूम को फुटू कहा जाता है।

इस वर्ष मई-जून 2022 में अत्याधिक बारिश होने के कारण बाजार में मशरूम mushroom  जून के लास्ट सप्ताह में आना शुरू हो चुका है। दल्ली राजहरा में अत्याधिक मात्रा में मशरूम mushroom बाजार में आने की वजह से मशरूम का रेट 80 से 100 रुपया में आधा किलो तक आसानी से मिल जाता है। यही मशरूम छत्तीसगढ़ के बड़े शहर दुर्ग भिलाई रायपुर में 800 से 1000 रुपया किलो मे बिकता है।

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प्राकृतिक रूप से मशरूम का उत्पादन कैसे होता है।

छत्तीसगढ़ के जंगल में वन जीवाश्म अवशिष्ट पदार्थ अत्याधिक मात्रा में रहती है। दीमक के मिट्टी के बने हुए खोल में मशरूम का उत्पादन होता रहता है। दीमक मशरूम के स्पान को संग्रहित करके रखते हैं। गर्मियों के महीना में यह पूरी तरह से सुरक्षित रहता है जैसे अनुकूल वातावरण मिलता है स्पान पूरी तरह से सक्रिय होकर मशरूम का उत्पादन mushroom productionकर देती है


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बाजार में मशरूम की खरीदी बिक्री कैसे की जाती है

मानसून के आगमन के साथ मशरूम जंगलों में उत्पादित mushroom production होते रहने पर आसपास के ग्रामीण अपने अपने क्षेत्र में मशरूम का संग्रहण करने हेतु जंगल और खेत में भ्रमण करते हैं हर वर्ष संग्रहण करने की वजह से ग्रामीणों को यह जानकारी रहती है कि किस क्षेत्र में उन्हें अत्याधिक मात्रा में मशरूम mushroom मिल पाएगा ऐसे क्षेत्र में जाकर ग्रामीण मशरूम का संग्रहण करते हैं

मशरूम का संग्रहण सुबह के समय में की जाती है इसलिए ग्रामीण सुबह के 5:00 बजे आसपास के क्षेत्र में जाकर मशरूम का संग्रहण का उसे बेचने हेतु शहरी क्षेत्र में सुबह के 9:00 से 11:00 तक बाजार में अपना मशरूम mushroom लेकर बैठ जाते हैं इस दौरान रास्ते में भी मशरूम के खरीदार ऊंचे मुंह मांगी दाम पर मशरूम खरीद लेते हैं उसे खरीद कर वह बड़े शहर भिलाई दुर्ग रायपुर में ले जाकर महंगे दाम पर बेच दी जाती है और कुछ ग्रामीण शहर में ले जाकर भेजते हैं इस तरह मशरूम mushroom आने के सीजन में ग्रामीण क्षेत्र को अच्छा खासा रोजगार मिल जाता है

छत्तीसगढ़ में बरसाती मशरूम और बास पर लगने वाले मशरूम, साल के पेड़ पर होने वाले मशरूम और दशहरा त्योहार के समय आने वाले पैरा मशरूम लोकप्रिय होता है। और अत्याधिक  मशरूम का उत्पादन mushroom production होता है





मशरूम वेजिटेबल मीट की तरह से बनाया जाता है फाइव स्टार होटल में मशरूम के तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाई जाती है।

छत्तीसगढ़ में मशरूम की खेती की संभावना क्या है।What are the possibilities of mushroom cultivation in Chhattisgarh.

छत्तीसगढ़ का वातावरण जलवायु मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त है छत्तीसगढ़ सरकार मशरूम को खेती को बढ़ावा देने हेतु किसानों को तरह तरह का प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। महिलाएं सहायता समूह द्वारा छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती की जा रही है।



मशरूम की खेती कैसे की जाती है।How to Cultivate Mushrooms.

मशरूम की खेती Mushroom farming Agriculture के लिए अत्याधिक लागत की आवश्यकता नहीं पड़ती 10 × 10 फिट वाले रूम से मशरूम की खेती शुरू की जा सकती है मशरूम की खेती हेतु बीज प्रयोगशाला में तैयार की जाती है किसान अगर मशरूम की खेती Mushroom farming Agriculture करना चाहे तो अपना प्रयोगशाला बना कर भी बीज तैयार कर सकता है।

कमरे में मशरूम की खेती की जा सकती है और यह शहरी क्षेत्र में अतिरिक्त स्थान होने पर मशरूम की खेती Mushroom farming Agriculture कर लाभ कमाया जा सकता है।

सरकार द्वारा प्रशिक्षण संस्थान विश्वविद्यालय आदि स्थानों में मशरूम का परीक्षण समय-समय पर दिया जाता है पूरी तरह से प्रशिक्षित होकर मशरूम की खेती Mushroom farming Agriculture करने से सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

मशरूम का स्पान फसलों के अवशिष्ट पदार्थ जैसे पैरा गेहूं की भूसी लकड़ी के बुरादे आदि को पानी में गर्म करके फफूंद संक्रमण से मुक्त कर दी जाती है संक्रमण मुक्त फसलों के अवशिष्ट पदार्थ में मशरूम का स्पान मिला के पॉलिथीन बैग में डाल के बंद कर दी जाती है। 15 से 21 दिन में मशरूम पूरी तरह से और फसलों के अवशिष्ट में अपना सफ़ेद जाल की संरचना कर देती है इस तरह तापक्रम का अनुकूलता मिलने पर मशरूम Mushroom farming Agriculture इस फसल के अवशिष्ट से निकलने  लग जाते हैं।


आज के समय में मशरूम Mushroom की विभिन्न प्रकार की नस्लों की खेती की जाती है औषधि उपयोग हेतु मशरूम, Mushroom भोजन में उपयोग हेतु मशरूम Mushroomअन्य औद्योगिक सामग्री में उपयोग होने वाले मशरूम की अलग-अलग वैरायटी साल के 12 महीना किसी भी तापक्रम में  उत्पादन कर किसान अच्छा पैसा कमा सकता है।

मशरूम कम लागत में अत्याधिक लाभ कमाने वाली फसल होने के कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में लोकप्रिय खेती होते चला जा रहा है।

मशरूम की 10,000 से भी वैरायटी पूरे विश्व में पाई जाती है इसमें से 70 मशरूम खाने योग्य होता है। 


मशरूम का उत्पादन

मशरूम उत्पादन की जानकारी

मशरूम की खेती कब की जाती है

मशरूम कहां पाया जाता है

मशरूम कहां मिलता है

मशरूम उत्पादन

मशरूम में कितना प्रोटीन होता है

मशरूम में कितना प्रतिशत प्रोटीन होता है

मशरूम उत्पादन की विधि

मशरूम उत्पादन कैसे करें

मशरूम कितने रुपए किलो है

मशरूम कितने प्रकार के होते

मशरूम कितने प्रकार का होता है

मशरूम कितने प्रकार की होती है

mushroom kiska udaharan hai

मशरूम उत्पादन कैसे किया जाता है

मिल्की मशरूम की खेती

mushroom utpadan

मशरूम किसे कहते हैं

मशरूम कैसी होती है

मशरूम का उत्पादन कैसे करते हैं

मशरूम का उत्पादन कैसे होता है

मशरूम में कौन सा विटामिन पाया जाता है

मशरूम में कौन सी विटामिन पाई जाती है

क्या मशरूम शाकाहारी है

मशरूम में क्या पाया जाता है

मशरूम में क्या क्या पाया जाता है

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