मानसून के आगमन। ऋषि खेती rishi kheti kisani की शुरुआत 2021

 मानसून के आगमन। ऋषि खेती

 rishi kheti kisani की शुरुआत

 2022


भारत में मानसून की सक्रियता जून माह में बढ़ती चली जा रही है। प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी मानसून monsoonअपने सही समय पर सक्रिय हो चुका है। monsoon मानसून के आगमन के साथ ही किसान भाइयों की सक्रियता भी खेती किसानी kheti kisan में बढ़ चुकी है खेती किसानी द्वारा ही हमें आय की प्राप्ति होती है इस हेतु खेती किसानी kheti kisani  को किसान बहुत ही गंभीरता से मानसून monsoonआने के उपरांत शुरू कर देता है।




ऋषि खेती की शुरुआत

 मानसून के आगमन के साथ

 कर देनी चाहिए


ऋषि खेती की शुरुआत मानसून monsoon के आगमन के साथ ही शुरु कर देनी चाहिए क्योंकि rishi kheti ऋषि खेती बिना जुताई की जाने वाली खेती है जिसमें हमें खेत में  गुड़ाई जुताई नहीं करनी है सिर्फ बीज की बुवाई नो टिल फार्मिंग विधि no till farming से करनी होती है भूमि में जुताई ना करने की वजह से भूमि के जैविक संरचना बनी रहती है। और जैविक क्रिया सक्रिय रहने की वजह से सूक्ष्म  बैक्टीरिया और केचुआ भूमि में अवशिष्ट पेड़ पौधे के पत्ते को अपना भोजन बनाकर भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ाते चले जाते हैं। इस तरह ऋषि खेती rishi kheti करने पर भूमि की उपजाऊ क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ते चले जाती है।


वृक्षारोपण कर ऋषि खेती

 rishi kheti की करे

 शुरुआत



किसानों के बहुत से खेत खेती किसानी हेतु उपयोग में नहीं ली जाती है ऐसे खेत का चुनाव कर मानसून आने के उपरांत बारिश के महीनों में बड़े पेड़ जैसे आम अमरूद सीताफल अनार करौंदा बांस सहजन आदि फलदार वृक्षों का रोपण बीज द्वारा या पौधे के द्वारा कर लेनी चाहिए। इस तरह प्रतिवर्ष 5 से 10 वर्षों तक अपने खाली भूमि में वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ 1000 पेड़ तक का रोपण कर सकते हैं इस तरह की  भविष्य की योजना में भरपूर मुनाफा किसानों को मिल सकता है।






ऋषि खेती rishi kheti में

 खरपतवार का नियंत्रण कैसे

 करें

मानसून monsoonआने के उपरांत  खेतों में खरपतवार तेजी के साथ बढ़ते चले जाता है और जिसकी वजह से बोई गई फसलों का विकास क्रम रुक जाता है ऐसे समय में खरपतवार को उखाड़ के भूमि में ही मंचिंग कर दी जाए इस तरह मंचिंग की जाने से खरपतवार के द्वारा भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ते चले जाती है और खरपतवार का नियंत्रण भी हो जाता है खरपतवार के मंचिंग करने पर भूमि के जैविक बैक्टीरिया और केंचुआ को भोजन के रूप में अवशिष्ट पदार्थ मिल चुके रहते हैं जिसकी वजह से भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ते चले जाती है।






ऋषि खेती rishi kheti की शुरुआत कौन से किसान कर सकते हैं।

हमारे देश में बहुत से किसान परिवार के सदस्य शहरी क्षेत्र में नौकरी पेशा या बिजनेस कर रहे होते हैं ऐसे किसान परिवार के सदस्य ऋषि खेती rishi kheti अपना के किसानों के बीच एक आदर्श खेती को प्रोत्साहन देते हुए खेती किसानी kheti  kisan शुरुआत कर देनी चाहिए।

शहरी क्षेत्र में निवासरत कृषि परिवार के सदस्य ऋषि खेती  शुरुआत करने  हेतु अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता नहीं पड़ती प्रति वर्ष मानसून आगमन के उपरांत अपने खेत में ऋषि खेतीrishi kheti को अपना के  भूमि की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाते चले जाएंगे साथ ही साथ बड़े पेड़ के वृक्षारोपण करने पर भविष्य में अतिरिक्त आमदनी मिल सकती है।


ऋषि खेती rishi kheti अपनाने से होने वाले लाभ।

  1. ऋषि खेती rishi kheti में कीटनाशक रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं की जाती जिसकी वजह से भूमि प्रदूषण वायु प्रदूषण जल प्रदूषण नहीं होता।
  2. जुताई नहीं करने के कारण भूमि की जैविक संरचना बनी रहती है और सुषमा बैक्टीरिया केंचुए का विकास क्रम बढ़ते चले जाने की वजह से भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ती चली जाती है।
  3. जहर मुफ्त अनाज सब्जी फल की प्राप्ति होती है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं
  4. ऋषि खेती rishi kheti करने से मजदूरी लागत कम हो जाती है आज के समय में खेती में मजदूर मिलना मुश्किल होते चला जा रहा है
  5. ऋषि खेती rishi kheti में जल निकासी भूमि में आसानी से  हो जाती है।
  6. ऋषि खेती rishi kheti करने से भूगर्भ जल स्तर बढ़ जाता है।
  7. ऋषि खेती rishi kheti द्वारा परंपरागत देसी बीज से अच्छा उत्पादन मिल जाता है।

ऋषि खेती rishi kheti भविष्य की खेती

2020-2021 के दौर में कोरोनावायरस की वजह से पूरे विश्व में  यह चर्चा हो रही है। कि इससे घातक संक्रमण से मनुष्यों को कैसे छुटकारा मिल सकता है मनुष्यों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाई जा सकती है कोरोनावायरस की वजह से हजारों लाखों लोगों की जान जा चुकी है इंसानों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के पीछे प्रमुख वजह रासायनिक कीटनाशक युक्त अनाज सब्जी फलों का सेवन करना है इसलिए ऋषि खेती भविष्य की खेती बन गई है क्योंकि ऋषि खेती rishi kheti में रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग किए बिना की जाने वाली कितनी है ऋषि खेती rishi kheti द्वारा प्राप्त अनाज सब्जी फल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण विद्यमान रहते हैं जिसका सेवन कर कोरोनावायरस जैसे घातक संक्रमण को रोका जा सकता है अतः ऋषि खेती rishi kheti ही भविष्य की खेती kheti  बन चुकी है।


सीडबॉल द्वारा ऋषि खेती करना

खेती kheti में बढ़ते महंगाई, मजदूरों का अभाव, समय पर मजदूर ना मिल पाना इन सभी कारणों की वजह से खेती किसानी kheti kisani में समय पर फसल लग नहीं पाती समय पर फसल लग ना पाने की वजह से फसल सही समय पर परिपक्व नहीं होने से उत्पादन क्षमता कम हो जाती है। सीडबॉल seed boll विधि द्वारा समय पर किसान खेत में बुवाई कर सकता है। खरपतवार खेत में होने के बावजूद भी सीडबॉल seed boll विधि द्वारा खेती की जा सकती है। इस विधि में सीडबॉल तैयार कर खेत में छिड़काव कर दिया जाए। तदुपरांत खरपतवार की कटाई का भूमि में सुला देनी चाहिए। मानसून के बारिश में सीडबॉल seed boll के बीज अपने आप उगने  लग जाते हैं। इस तरह समय पर सीड बॉल द्वारा  खेती kheti की सकती है।

ऋषि खेती rishi kheti लागत कम उत्पादन ज्यादा और भूमि सुधार

किसान ऋषि खेती rishi kheti से भरपूर लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि ऋषि खेती rishi kheti में किसानों को लागत जीरो हो जाती है क्योंकि बीज खेत का ,खाद भी खेत से तैयार होती है। जल धारण क्षमता भूमि की बढ़ जाती है इस वजह से सिंचाई की खर्चों में कमी भूमि सुधार होने की वजह से फसल के उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है जिस वजह से अधिकतम लाभ किसानों kisan को मिल पाता है। इस तरह कम खर्चों में ऋषि खेती rishi kheti की शुरुआत कर किसान अधिकतम लाभ अर्जित कर सकता है।

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