जलवायु के प्रकार।types of climate

 जलवायु के प्रकार।type of climate

तापक्रम तथा वर्षा के आधार पर जलवायु को तीन प्रमुख भागों में विभाजित की जा सकती है एक किसान को खेती किसानी करने के दौरान जलवायु climate संबंधित ज्ञान भी होना जरूरी है पेड़ पौधे की प्रकृति पूरी तरह से जलवायु पर निर्भर करती है उन्हें जलवायु climate संबंधित ज्ञान होने पर हम अपने खेत में अच्छी तरीके से खेती किसानी कर सकते हैं।

  1. उष्णकटिबंधीय जलवायु (Tropical Climate)
  2. उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु (sub Tropical Climate)
  3. शीतोष्ण जलवायु ( Temperate Climate)

उष्णकटिबंधीय जलवायु। tropical climate

जलवायु के प्रकार

उष्णकटिबंधीय जलवायु में तापमान अधिक रहता है। वायु में नमी की मात्रा अर्थात सापेक्ष आर्द्रता भी कम रहती है। कहीं-कहीं वर्षा अधिक होती है। ऐसे जलवायु में ऐसे फल और सब्जी होते हैं। जो गर्मी अधिक सहन कर सकते हैं। उष्णकटिबंधीय जलवायु में पेड़ पौधे को जल की भी कम आवश्यकता होती है। फलों में आम, काजू, नारियल, पपीता, खजूर, अंगूर आदि हो सकता है।

काजू की खेती कहां और कैसे होती है

उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु। sub-tropical climate


उपोष्ण जलवायु में तापमान और सापेक्ष आर्द्रता सम रहती है। वर्षा भी मध्यम रहती है, और कहीं कहीं ठंडी होती है। ऐसे जलवायु में अधिकांश फल और सब्जी हो सकते हैं। जैसे आम, अमरूद, केला, अनार, पपीता, संतरा, अनास आदि।

शीतोष्ण जलवायु। temperate climate

शीतोष्ण जलवायु में तापमान कम रहता है। तथा नमी मे आद्रता अधिक रहती है। कहीं कहीं की वर्षा भी अधिक होती है। सेव,नासपाती, आड़ू, बादाम आदि फल होता है।

उपरोक्त तीनों जलवायु के आधार पर फल का विभाजन किया जाता है जैसे उष्णकटिबंधीय फल,   उपोष्ण कटिबंधीय फल, शीतोष्ण फल। तीनों जलवायु में कौन-कौन से फल होते हैं।  किसान को ज्ञान होनी चाहिए।

जलवायु के उपरोक्त विभाजन के अलावा अन्य स्थानीय वातावरण के आधार पर भी विभाजन किया जाता है। जो इस प्रकार है।

pm kisan status check 2021

स्थानीय वातावरण के अनुसार जलवायु। Climate according to local environment

विश्व पृथ्वी दिवस और पढ़ें

पर्वतीय जलवायु(Hill climate)

पर्वतीय जलवायु पहाड़ी स्थानों में पाई जाती है। यहां का तापमान कम रहता है तथा वर्षा भी अधिक रहती है। ऐसे जलवायु नैनीताल मसूरी पंचमढ़ी अमरकंटक आदि पहाड़ों स्थलों में पाई जाती है शीतोष्ण जलवायु से मिलती जुलती है।

बड़े आकार में जिमीकंद खेती शुरू करें मानसून के पहले और पढ़ें

तटीय जलवायु(coastal climate)

ऐसी जलवायु समुद्र के तटवर्ती क्षेत्र में पाई जाती है। इन क्षेत्रों में तापक्रम तथा आद्रता वर्ष पर्यंत लगभग एक जैसे रहती है ना तो अधिक ठंड पड़ती है और ना ही अधिक गर्मी ,वर्षा भी लगभग वर्षभर होती रहती है। अधिक आद्रता इस जलवायु की विशेषता है। तटवर्ती जलवायु के स्थान भारत का तटवर्ती पूर्वी दक्षिण और पश्चिम क्षेत्र है।

खेती किसानी में कीट पतंगों की रोकथाम प्राकृतिक तरीके से और पढ़ें

शुष्क जलवायु(Arid climate)

सूखे क्षेत्रों में ऐसी जलवायु ही रहती है। आर्द्रता अत्यंत ही कम मात्रा में होती है। तापक्रम अधिक रहता है तथा वर्षा भी कम होती है। राजस्थान का कुल क्षेत्रफल वायु के अंतर्गत आते हैं।

जरूर पढ़े एक किसान कोरोना का इलाज कर सकता है

भारत के फल अनु क्षेत्र। Fruit Zones of India

भारत को जलवायु की दृष्टि से 6 क्षेत्रों में बांटा गया है, जिन्हें फल अनु क्षेत्र से भी कहा जा सकता है। जिन्हें फल अनु क्षेत्र कहा  सकते हैं।

  1. शीतोष्ण
  2. उत्तर पश्चिमी उपोष्ण
  3. उत्तर पूर्वी उपोष्ण
  4. मध्य उष्ण
  5. दक्षिण उष्ण
  6. तटवर्ती आद्र एवं उष्ण

भारत में इन जलवायु क्षेत्रों पर विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन की संभावना है। इन जलवायु में लगाए जाने वाले फलों को जलवायु के ही आधार पर शीतोष्ण फल उपोष्ण फल और उष्ण फल तीन श्रेणी में बांटा गया है।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से आसाम तक उपरोक्त जलवायु के अनुरूप फसलों का उत्पादन भारत में ली जाती है। किसान जिस क्षेत्र के है ,उस क्षेत्र के जलवायु का सही आकलन कर अपनी खेत में खेती-बाड़ी करनी चाहिए। इस तरह किसान सही तरीके से खेती कर अच्छा लाभ अर्जित कर सकता है।


 

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

लोकप्रिय पोस्ट