लॉकडाउन की वजह से भारी बारिश जलवायु सुधार का संकेत|Heavy rain due to lockdown indicates climate improvement

 लॉकडाउन की वजह से भारी बारिश जलवायु सुधार का संकेत|Heavy rain due to lockdown indicates climate improvement



लॉकडाउन लगने की कारण  पर्यावरण में भारी सुधार होते जा रहे हैं मई का महीना अत्यधिक गर्मी का महीना रहता है 25 मई से लू लगना आरंभ हो चुका रहता है। किंतु इस वर्ष मई के पहले सप्ताह से ही रोज की बरसात होने  से तापमान 40 डिग्री से नीचे है ऐसा कई वर्षों से संभव नहीं हो पाया।

बस्तर के अमचूर विश्व प्रसिद्ध

लॉकडाउन की वजह से भारी बारिश जलवायु सुधार का संकेत|Heavy rain due to lockdown indicates climate improvement
मई महीने की फसल

खेती किसानी में कीट पतंगों की रोकथाम

छत्तीसगढ़ में मई के महीने में 40 मिलीमीटर की बारिश हो चुकी है यह औसत से 555 फ़ीसदी ज्यादा बारिश होने का अनुमान है।

भारतीय नव वर्ष  के साथ ही खेती किसानी की शुरुआत।The beginning of the farming season with the Indian New Year.

भारतीय नव वर्ष अप्रैल महीने से खेती किसानी की शुरुआत हो जाती है दक्षिण भारत में समुद्र से लगे हुए प्रदेश में और पूर्वोत्तर भारत आसाम मिजोरम त्रिपुरा नागालैंड में बारिश की शुरुआत हो जाती है। और उन क्षेत्रों में धान की बुवाई अप्रैल-मई के महीनों में लगने लग जाते हैं।

कोरोना महामारी के रोकथाम के उपाय

नव वर्ष के आरंभ होने से ही खेती की शुरुआत हो जाती है। प्रकृति का भी संकेत इसमें साफ साफ नजर आता है जितने भी कंदमूल वर्गीय फसल रहते हैं गर्मियों में मार्च-अप्रैल के महीनों में फूल लगने आरंभ हो जाते हैं जबकि बाकी फसल गर्मियों में सूख जाते हैं।

लॉकडाउन की वजह से भारी बारिश जलवायु सुधार का संकेत|Heavy rain due to lockdown indicates climate improvement
नव वर्ष के प्राकृतिक संकेत


भारतीय परंपरा त्यौहार इत्यादि भारतीय कृषि परंपरा के साथ मिलाकर तैयार की हुई है। किंतु अत्याधिक जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण ,कंपनियों द्वारा जाने वाली प्रदूषण, इन सब कारणों  से जलवायु परिवर्तन हो चुका है और खेती किसानी की परंपरा भी नव वर्ष के साथ शुरू नहीं हो पा रही है।

खस घास के द्वारा नदी का जल प्रदूषण की रोकथाम

पूरे विश्व में लॉकडाउन लगाकर जलवायु परिवर्तन को होने से बचाना होगा।Climate change will have to be prevented by imposing lockdowns all over the world.

विश्व भर में नित्य नए अविष्कार भागदौड़ वाली जिंदगी पैसा कमाने की होड़ इन सभी कारणों से हम पूरी तरह से कृत्रिम जीवन जी रहे हैं। आज कोरोना संक्रमण   से ऑक्सीजन की कमी होने के कारण व्यक्तियों की मौत होते चले जा रही है। ऑक्सीजन का उत्पादन हमें करना पड़ रहा है यह एक कृत्रिम तरीके का जीवन है।

कोरोना संक्रमण जैसे महामारी आने प्रमुख कारण  जलवायु परिवर्तन ही है। हम अपने पृथ्वी को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए तुले हुए हैं। जिस  से नित्य नए संक्रमण का प्रकोप बढ़ते चले जा रहा है।

इस तरह के prakrutik आपदा के संकेत को समझते हुए हमें पूरे विश्व में लॉक डाउन करते हुए प्राकृतिक जलवायु सुधार के काम को जारी रखना होगा। और पूरे विश्व में लॉकडाउन लगाकर जलवायु परिवर्तन को होने से बचाना होगा।






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