मिश्रित खेती में एलोवेरा की खेती।Aloe vera cultivation in mixed farming।

 मिश्रित खेती में एलोवेरा की खेती।Aloe vera cultivation in mixed farming


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एलोवेरा एक औषधि युक्त पौधा है भारत भर में हर घर शोभा पौधे के रूप में लगाई जाती है फूल बागवानी किचन गार्डन घर के ड्राइंग रूम आदि जगह एलोवेरा को एक घर की खूबसूरती हेतु हर भारतीय लगाता है



मिश्रित खेती में एलोवेरा की खेती


एलोवेरा एक औषधि पौधा है जिसके पत्तों के अंदर   औषधि गुण विद्यमान रहते हैं एक पारदर्शी और चिपचिपा सा पदार्थ एलोवेरा में पत्तों के अंदर रहती है जिसे औषधि प्रयोग हेतु उपयोग में ली जाती है।( aloe vera juice)एलोवेरा जूस के फायदे आज के बढ़ते जीवन शैली में मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से प्रभावित हो गई है ऐसे समय में यह एक औषधि गुण से भरपूर पौधा हमारे स्वास्थ्य को पूरी तरह से निरोगी काया बना सकती है इसलिए हर किसान को एलोवेरा की मिश्रित खेती के अंतर्गत खेती करनी चाहिए

एलोवेरा के मिश्रित खेती में कैसे खेती करें।How to cultivate aloe vera in mixed farming

एलोवेरा एक सूखे प्रदेश के  प्रजाति के पौधा है अत्यधिक अल्प वर्षा क्षेत्र में बहुत अच्छी तरह से इसकी उपज ली जा सकती है खेती किसानी के दौरान हमारे बहुत सारे खेत में खाली भूमि इ किसी वजह से उपज ना ले पाते हैं ऐसे भूमि का चयन कर एलोवेरा की खेती की जा सकती है  खेत के मेड़ में जहां पानी की निकासी का प्रबंधन अच्छा से हो ऐसे खेत के मेड़ में हम एलोवेरा की पौधे लगा सकते हैं

किसी भी अच्छे नर्सरी से एलोवेरा का पौधा खरीदने के उपरांत इसकी बुवाई हमें अपने खेत में कर देनी चाहिए



मिश्रित खेती में एलोवेरा की खेती



एलोवेरा के मिश्रित खेती करने के फायदे।Advantages of aloe vera mixed farming

खेती किसानी के दौरान किसी खेत में हम मिश्रित खेती करें तो खेत की जैविक विविधता की वजह से फसलों का अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है पेड़ पौधे एक दूसरे को पूरी तरह से सहायक हो कर अपना भोजन ग्रहण करते हैं जिसका हमें मिश्रित खेती में लाभ मिल सकता है अनाज वर्गी फसल में नाइट्रोजन फिक्सिंग वाले जैविक बैक्टीरिया होते हैं जो अन्य फसल को नाइट्रोजन की पूर्ति करते हैं इस तरह अन्य और भी लाभ है जो मिश्रित फसल लेने से हमें मिल सकता है बागवानी करने के दौरान बहुत से भूमि खाली रह जाते हैं जिसमें हम एलोवेरा की पौधे लगाकर अतिरिक्त आमदनी ले सकते हैं

 एलोवेरा के पौधे तैयार होने के उपरांत उसे मार्केटिंग कैसे करें।How to market aloe vera plant after it is ready


एलोवेरा के पौधे परिपक्व होने के उपरांत उनके पत्ते काट के हमें एलोवेरा से प्रोडक्ट बनाने वाले  कंपनियों को बेच देनी चाहिए

एलोवेरा से जूस बनाई जाती है जो मोटापा मधुमेह स्किन प्रॉब्लम पेट से संबंधित बीमारी आदि में उपयोग में ली जाती है इसी तरह से एलोवेरा से फेस पैक बनाई जाती है जो स्किन संबंधित बीमारियों में साथ सौंदर्य प्रसाधन हेतु भी उपयोग में ली जाती है इस तरह एलोवेरा की खेती से अच्छा मुनाफा अर्जित की जा सकती है

किसानों द्वारा कुटीर उद्योग के माध्यम से एलोवेरा का जूस का निर्माण।Manufacture of aloe vera juice by farmers through cottage industry

खेती किसानी के दौरान एलोवेरा की खेती करने से हमें आर्थिक लाभ मिल सकता है किंतु अगर हम एलोवेरा का जूस अपने ही घर में कुटीर उद्योग के माध्यम से बनाते हैं तो अतिरिक्त आमदनी हमें मिल सकती है

एलोवेरा का जूस पूरी तरह से घरेलू किचन में तैयार की जाने वाली जूस होती है इसे हम अपने घर में भी तैयार कर सकते हैं अगर किसी किसान भाई को एलोवेरा की जूस बनाने की विधि का ज्ञान ना हो तो यूट्यूब और ब्लॉग में इससे संबंधित अनगिनत लेख मिल जिसका गहन अध्ययन कर एलोवेरा का जूस हम अपने घर में आसानी से बना सकते हैं

एलोवेरा जूस बनाकर बोतल में पैक करना।Making aloe vera juice and packing it in a bottle



खेती किसानी करते हुए साथ ही साथ एलोवेरा का जूस घर में तैयार होने के उपरांत उसे डब्बे या बोतल में पैक करना होता है क्षेत्रीय बाजार में बड़े-बड़े थोक दुकान होते हैं जहा कांच का और प्लास्टिक का बोतल थोक रेट में बेचा जाता है हम उन थोक दुकान से प्लास्टिक बोतल थोक रेट में खरीद पर इसे अपने घर में बैठकर एलोवेरा जूस को पैक कर और सरकारी द्वारा प्रमाणित बिक्री हेतु रजिस्ट्रेशन लेकर उसे मार्केट में आसानी से बेच  सकते हैं

इस तरह एलोवेरा की जूस तैयार कर अच्छी-खासी आमदनी आसानी से अर्जित की जा सकती है




मिश्रित खेती में एलोवेरा की खेती





Natural farming में एलोवेरा की खेती से फायदे।Benefits of aloe vera cultivation in natural farming

खेती किसानी में हम नेचुरल फार्मिंग के द्वारा एलोवेरा की खेती करते हैं तो वह पूरी तरह से जैविक खेती होने की वजह से बड़े-बड़े कंपनियां इसे आसानी से खरीद लेती है विदेश में निर्यात की जाने की वजह से विदेशी कंपनियां अक्सर एलोवेरा की ऑर्गेनिक का प्रमाण सिद्ध होने पर ही एलोवेरा की खरीदी करती है इस हेतु नेचुरल फार्मिंग में एलोवेरा की खेती करने से एलोवेरा के पत्तों को आसानी से बेचा जा सकता है।

एलोवेरा natural farming Jungali kehti विधि से करने से किसी प्रकार की रासायनिक और कीटनाशक का प्रयोग करने की जरूरत नहीं है पूरी तरह से प्रकृतिक तरीके से खेती की जाती है  हमारी लागत पूरी तरह से प्राकृतिक खेती की जाने के कारण कम होने के साथ लाभ की संभावना बढ़ जाती है।

Natural farming Jaivik kheti से उत्पादित फसल पूरी तरह से जैविक होने की कारण हमारे immunity पावर को को बढ़ाता है जो हमारे शरीर में किसी भी प्रकार का संक्रमण होने पर हमारे शरीर को पूरी तरह से सुरक्षित करता है
अतः हमें जैविक खेती के माध्यम से की एलोवेरा की खेती करनी चाहिए और इससे हमें अच्छी आमदनी मिल सकती है


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