भारत में आम की खेती कैसे करे। 1 एकड़ में लाखों की आमदनी 2021।how to cultivate mango

 आम की खेती कैसे करे। 1 एकड़ में लाखों की आमदनी 2021 chattisgarh in india।How to cultivate mango  Income of lakhs in 1 acre 2021 chattisgarh in india

भारत में आम mango और खास इंसानों में फर्क रह जाता है सामान्य इंसान अपने जिंदगी में औसतन जीवन जीता है अक्सर उसे आम इंसान ही कहा जाता है उसी तरह भारतीय भूमि में आम mango के पेड़ की नस्लों की कमी नहीं है हर राज्य हर शहर हर गांव में आम mango की अलग-अलग वैरायटी अलग अलग नाम से प्रचलित है आम की उत्पत्ति हिमालय की तलहटी से  उत्तर पूर्व भारत और वर्मा के मध्य में माना जाता है भारत देश के अतिरिक्त इसे फिलिस्तीन ,इंडोनेशिया ,थाईलैंड ,वर्मा ,श्रीलंका ,मिश्र, दक्षिण अफ्रीका आदि देश में उगाया जाता है। विश्व में आम की कुल क्षेत्रफल 1022000 हेक्टर और उत्पादन एक करोड़ 33 लाख दस हजार है। भारत में इसे संपूर्ण देश में  300000 हेक्टर क्षेत्र में उगाया जाता है। और 91 लाख 54 हजार टन उत्पादन होता है। आम भारत में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार ,महाराष्ट्र प्रदेश अग्रिम है। आम का फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। जिसमें विटामिन ए प्रमुख है। फलों से मुरब्बा, स्क्वैश, अचार ,चटनी  अमचूर आदि पदार्थ तैयार की जाती है


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कच्चा फल --  कच्चा आम mango का फल कसैला, खट्टा ,स्वादिष्ट, त्रिदोष नाशक, रक्तशोधक, पेट साफ करने वाला और गले पेट की तकलीफ कम करता है।

आम का पका का फल मीठा, स्वादिष्ट ,उत्तेजक, बलवर्धक शीतलतादायक, क्रांतिवर्धक,  ह्रदय और पेशाब संबंधी तकलीफ दूर होती है।

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आम mango एक सदाबहार वृक्ष है। ऊंचाई अनुमानता 20 से 30 मीटर तक होती है। फैलाओ 25 से 35 मीटर तक हो सकता है। इनका फल गुदेदार, रसदार होती हैं। आम mango का वृक्ष 4 से 5 वर्षों में फलने लगता है। फूल फरवरी से मार्च तक आता है। और मई से अगस्त तक फल प्राप्त होता रहता है। औसतन 10  वाले वृक्ष पर 400 से 500 फल प्राप्त होती है। और 20 से 40 वर्ष की उम्र में 1000 से 3000 तक फल प्राप्त हो जाता है। फूल और फल आने के दौरान आंधी तूफान में फलों को अधिक हानि होती है। फल झड़ने की समस्या भी होती है वातावरण के परिवर्तन के कारण फल का झड़ना अधिक हो जाता है।

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आम mango की खेती कैसे करें ।आम mango के पेड़ के लिए जलवायु।How to Cultivate Mango. Climate for Mango Mango Tree

Aam ki kheti आम mango का पेड़ उष्ण और उपोष्ण जलवायु का फल है। अधिक शीत से पौधे को हानि होती है। वृद्धि के लिए उचित तापमान का होना आवश्यक है। जलवायु के प्रति सहनशीलता  होती है। वर्ष पर्यंत अधिक आद्रता वाली स्थान में फल अच्छे नहीं मिल पाते हैं।

आम के वृक्ष के लिए उपयुक्त भूमि

सभी प्रकार की भूमि आम के पेड़ के लिए उपयुक्त है। किंतु गहरी दोमट भूमि सर्वोत्तम होती है। भूमि का पीएच मान 5.5 से 7.5 तक होनी चाहिए

आम mango के पेड़ के लिए सिंचाई व्यवस्था।Irrigation system for mango tree

पेड़ लगाने के उपरांत प्रथम और द्वितीय वर्ष में शीत ऋतु में 7 से 10 दिनों के अंतर में और ग्रीष्म ऋतु में 3 दिन के अंदर में सिंचाई करनी चाहिए तीसरे से चौथे और पांचवें वर्ष तक शीत ऋतु में 15 से 20 दिन के अंतर में और ग्रीष्म ऋतु में 7 से 10 दिन के अंदर में सिंचाई करनी चाहिए इसके पश्चात फूल और फल आने के समय भी सिंचाई की आवश्यकता होती है। सिंचाई करते समय यह ध्यान देना है कि पानी तन से दूर रहे भूमि के किस्म के अनुसार सिंचाई करने के अंतर में परिवर्तन की जा सकती है। 4 से 5 वर्ष तक थाली पद्धति से तथा बाद में नाली या अंगूठी विधि से सिंचाई करनी चाहिए

आम के पेड़ में खाद।Mango tree fertilizer

 प्राकृतिक खेती जंगली खेती में हमें खाद mango आम के पेड़ के चारों ओर बराबर बराबर मात्रा में खाद देनी चाहिए गोबर खाद पहले साल 10 किलो द्वितीय साल 20 किलो तीसरे वर्ष 40 किलो चौथे वर्ष 60 किलो 5 वर्ष 80 किलो और खेत में वर्ष 100 किलो गोबर खाद और पत्तों का अवशिष्ट पेड़ के चौड़ाई के अनुसार देते रहना चाहिए प्रकृति खेती में अगर पत्तों के अवशिष्ट का प्रयोग हम अपने खेत में करते हैं। तो बाहरी खाद की जरूरत नहीं है।

आम mango का पौधा रोपण

आम mango के वृक्ष 10 से 11 मीटर के अंदर पर लगाया जाता। उचित अंतर में 1 फीट लंबा 1 फीट चौड़ा 1 फीट गहरा गड्ढा तैयार करें कुछ समय के लिए गड्ढे को खुला छोड़ दें जिससे धूप से भूमि में संक्रमण फंगस समाप्त हो जाए गोबर खाद 50 किलो की मात्रा में लेकर समभाग मिट्टी मिलाकर गड्ढों को भर देना चाहिए उसमें पौधारोपण करने हेतु बोर्ड लगा देना चाहिए ताकि सही जगह पर पौधारोपण कर सके। पौधा रोपण करते समय गमले में कितनी हाइट पर पौधे लगे थे। उतनी हाइट पर भूमि पर रोपण कर देना चाहिए पौधा का मूलवृत्त शाखा का भाग दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर रखें। पौधा हमेशा वर्षा आरंभ या समाप्ति पर लगाना उचित है। अर्थात जुलाई या सितंबर माह में पौधे लगा सकते हैं। पौधा फरवरी-मार्च में भी लगाए जा सकता है। यदि जल का पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो। सायंकाल के समय पौधा लगाना अच्छा है। रोपण के पश्चात तुरंत हल्की सिंचाई करें।

आम mango के पौधे की देखभाल

ग्रीष्म ऋतु में तेज धूप और हवाओं से पौधे की रक्षा करें। इसके लिए छाया करना आवश्यक है। शरद ऋतु में पाले से बचने के लिए सिंचाई करें ।अन्य संभावित हानियों से भी पौधे की रक्षा करना जरूरी है।




mango आम के पौधे की कटाई छटाई

मुख्य  शाखा से निकलने वाले अन्य शाखा को काट दी। ऐसी शाखाएं तेजी से बढ़ती है। आम के वृक्ष को अपना स्वाभाविक में ही बढ़ने दे। भूमि से 1 मीटर तक की शाखा पर कोई और शाखा  बढ़ने  ना दे रोग ग्रस्त और सूखी शाखा को समय पर समय पर निकालते रहे।

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आम mango के फसल के साथ मिश्रित फसल से आय। आम की खेती से कमाई

आम mango का पौधा रोपण उपरांत 4 से 5 साल तक किसी भी प्रकार की आम mango की फसल से आय नहीं हो पाती। इस वजह से आम mango के फसल के साथ मिश्रित फसल लेने से खेती में अच्छी आमदनी अर्जित की जा सकती है। मिश्रित फसल में टमाटर, मटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, आलू आदि सब्जी देना उचित है बेल और लता वाले सब्जी नहीं लेना चाहिए मिश्रित खेती 5 से 10 वर्ष तक की जा सकती है। 5 वर्ष उपरांत सब्जियों के स्थान पर पपीते की फसल ली जा सकती है। प्रकृति खेती में आम mango की फसल के साथ कम ऊंचाई वाले पेड़ पौधे की फसल लेते रहनी चाहिए। जिससे किसी भी प्रकार के आम mango के फसल में रोगाणु विषाणु का प्रकोप होने पर अन्य फसल लेने की वजह से रोकथाम हो जाती है।

आम mango के फूल और फलों का झड़ना

आम mango के फूल और फलों का झड़ना है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। किंतु इसमें अधिकतम हानियां होती है। फूल लगने के उपरांत समय समय पर सिंचाई करते रहने से फूल झड़ने की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है।

आम mango की फलों की तोड़ना

वृक्ष पर फल पूर्णता विकसित हो जाने पर तोड़नी चाहिए वृक्ष पर फलों को पकाने नहीं देना चाहिए तोड़ने की ऐसी विधि अपनानी चाहिए कि फलों में कोई खरोच या चोट लगने ना पाए कुछ फलों को तोड़कर पानी में डुबोकर देखिए यदि फल डूब जाती है। तो फल तोड़ लेनी चाहिए पूरी तरह से परिपथ हो चुके रहते हैं। इस तरह आम की  सफल उत्पादन की जा सकती  है।

आम की प्रमुख की समस्या दो वर्षीय फलन और नवीन रोपित पौधे की मृत्यु।

आम mango के वृक्ष में हर दूसरे वर्ष फल आने की प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह आम की किस्मों की अनुवांशिकी गुण है। आम की उन्नत किस्म कुछ इसमें नीलम बैगनलोरा आदि प्रतिवर्ष फल देते हैं। जबकि अधिकांश mango आम की किस्म  दशहरा ,लंगड़ा ,अल्फांसो आदि प्रति दूसरे वर्ष फल देते हैं इनके अनेक कारण हैं जैसे कार्बोहाइड्रेट और नाइट्रोजन का अनुपात में अंतर, शाखा में फल आने के लिए कार्बोहाइड्रेट का अधिकता होनी चाहिए   और नाइट्रोजन की अधिकता से वनस्पतिक वृद्धि होती है। इस तरह वृक्षों के फूल आने के लिए कार्बोहाइड्रेट और नाइट्रोजन का अनुपात सही होनी चाहिए कुछ फल मल्लिका और आम्रपाली यह नियमित फल देने वाली किस्म है।

जलवायु का उद्यान फसलों पर प्रभाव click here

आम mango के नवीन रोपित पौधे की मृत्यु संख्या अधिक होती है लगाने के समय लगाए हुए स्थान पर पानी से अच्छी तरह से कीचड़ बना ली जाए कीचड़ में आम के पौधे को रोपण कर मिट्टी में अच्छी से दबा दिया जाए इस विधि से आम की मृत्यु दर कम हो सकती है या फिर सीधे आम की गुठली का रोपण कर देने से जीवित फसलों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।यह प्रक्रिया 2 से 4 वर्ष तक निरंतर करते रहने से हमें अपने आम के बगीचों को पूरी तरह से तैयार कर सकते हैं।

आम के बागवानी की आधुनिक पद्धति । आम की खेती से कमाई

आम के बागवानी की आधुनिक पद्धति में 1 एकड़ में 500 से 700 आम के पौधे रोपण की जाती है। और उसे कटाई छटाई द्वारा 5 से 7 फीट तक की ऊंचाई दी जाती है। कटाई चटाई की विधि का ज्ञान होना आवश्यक है। समय के अनुसार कटाई छटाई करते रहने से आम के पेड़ की ऊंचाई पांच 7 फीट तक की रहती है। आम तोड़ने में भी सुविधा और निश्चित मात्रा में ही आम के फल प्रति वृक्ष ली जाती है। निश्चित मात्रा में आम की फसल लेने के वजह से आम के साइज का आकार बड़ा और सुंदर दिखने में रहता है। जो बाजार में आसानी से बिक्री हो जाती है। इस तरह की विधि अमरूद के पेड़ में सफलता पूर्ण की जा रही है। और आज एक से डेढ़ किलो तक की अमरुद बाजार में उपलब्ध रहती है।

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किसानों को यह विधि पूरी तरह से प्रशिक्षण लेकर ही आम की खेती करना चाहिए अन्यथा हानि होने की संभावना रहती है। कुछ क्षेत्र में आम के यह विधि का प्रयोग करने के उपरांत पूरे क्षेत्र में खेती करें तो लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।इस तरह आम का बगीचा तैयार कर हर किसान लाखों रुपया कि आय आसानी से अर्जित कर सकता है।


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Biju kumar: Kheti kisan food forest farming Agriculture in india में उपरोक्त कुछ विशेष लेख के लिंक दिए गए हैं इन्हें जरूर पढ़ें

किसानों के साथ-साथ देशभर के किसानों के उत्पाद को प्रयोग करने वाले आम भारतीयों को भी जहर मुक्त अनाज फल सब्जी से संबंधित विशेष जानकारी प्रदान करना ताकि आम भारतीयों को भी भारत के किसान के योगदान को प्रोत्साहन करने हेतु आगे आ सके और इस योगदान के साथ ही भारत की पर्यावरण संरक्षण जल संरक्षण वायु प्रदूषण को रोकने में सहयोग कर पाए

जय भारत जय किसान

Biju kumar: Kheti kisan food forest farming Agriculture in india । जंगली खेती पाठशाला

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