बड़े आकार में जिमीकंद, सूरन की खेती कैसे तैयार करें, बिग जिमीकंद की खेती ।। How to prepare Elephant Foot Yam in large size , big Elephant Foot Yam cultivation.

 बड़े आकार में जिमीकंद कैसे तैयार करें, बिग जिमीकंद की खेती ।। How to  prepare  Elephant Foot Yam in large size , big Elephant Foot Yam ,jimikand cultivation.



भारत में जिमीकंद Elephant Foot Yamबॉईल कर सुखा दी जाती है और साल भर सूखा जिमीकंद Elephant Foot Yam के लजीज सब्जी बनाई जाती है पूरी तरह से वेजिटेबल मीट की तरह उसका स्वाद ली जाती है भारत के हर राज्य में जिमीकंद की खेती की जाती है 2 वैरायटी की जिमीकंद भारत में रहते हैं सूरन,ओल भी कहा जाता हैं





बड़े आकार में जिमीकंद कैसे करें, बिग जिमीकंद की खेती ।। How to do large size Elephant Foot Yam, big Elephant Foot Yam cultivation.



एक में अत्याधिक मात्रा में खुजली वाली कंद रहती है जिसे इमली के साथ तैयार की जाती है ताकि सब्जी में खुजलाहट ना रहे और दक्षिण भारत खासकर केरल में कम खुजली वाली बिना खुजली वाली जिमीकंद Elephant Foot Yam सूरन का उत्पादन की जाती है बहुत ही स्वादिष्ट सब्जी होने की वजह से बहुत लोकप्रिय सब्जी में गिना जाता है

बिग साइज की जिमीकंद  खेती  कैसे तैयार करे।।How to prepare big size Elephant Foot Yam cultivation.



बड़े आकार सूरन, जिमीकंद 7 किलो से 12 किलो तक के वजन में रहती है इस तरह जिमीकंद की खेती की तैयारी विशेष रूप से की जानी होती है छोटे साइज के जिमीकंद सूरन Elephant Foot Yam निकलने के पीछे मुख्य वजह रहता है बीच का रोपण करते समय  50 से डेढ़ सौ ग्राम तक का ही रोपण की जाती है जिस वजह से जिमीकंद साल भर में आधा से 1 किलो तक की हो पाती है और खुजलाहट ज्यादा रहती है साथ ही कुछ विशेष उपाय कर बिग साइज की जिमीकंद की खेती कैसे की जाती है विशेष विवरण तैयार की हुई है
  1. जिमीकंद,सूरन का रोपण कंद के द्वारा ही की जाती है
  2. कंद बीज  हेतु तैयार करने के समय डेढ़ किलो ग्राम से ऊपर के बीज का उपयोग की जाने चाहिए
  3. 6 किलो ग्राम के जिमीकंद ,ओल होने पर उन्हें 3 भाग में कटिंग कर बीज को अलग कर दी जाती है
  4. कटे हुए जिमीकंद ,ओल के इंफेक्शन से बचाव हेतु कच्चे गोबर  और राखड़ का घोल तैयार कर जिमीकंद के टुकड़े को गोल में डुबो के छांव में सुखा दी जाती है
  5. गर्मी के महीने में अंकुरण शुरू होने के समय मार्च अप्रैल में जिमीकंद की रोपण कर देनी चाहिए ।
  6. जिमी कांदा रोपण हेतु गड्ढे तैयार करना आधा फीट से 1 फीट तक गड्ढे तैयार की जा सकती है
  7. तैयार गड्ढे को फसल के अवशिष्ट सूखे पत्ते डालकर भर दी जाए
  8. अवशिष्ट  सूखे पत्ते के ऊपर जिमीकंद के बीज का रोपण कर दे
  9. जिमीकंद ,ओल के रोपण उपरांत मिट्टी और गोबर खाद का मिश्रण कंद के ऊपर डाल के कंद को ढक दी जाए
  10. रोपण उपरांत अवशिष्ट फसल के सूखे पत्तों आदि से मन्चिंग कर देनी चाहिए

ग्रीष्मकालीन महीने में हर दूसरे दिन सिंचाई की व्यवस्था होने से जिमीकंद की पौधे की बढ़त अच्छी सी होते चले जाती है मानसून आने तक सिंचाई की व्यवस्था अच्छी रहने से जिमीकंद की फसल  परिपक्व होने लग जाती है।

मानसून के महीनों में खरपतवार  की निदाई कर उसे भूमि में ही मन्चिंग कर दी जाए कंदमूल वर्गी फसल जैविक कार्बन की मात्रा अच्छी रहने से उत्पादन 5 से 12 किलो तक का ली जा सकती है

जंगली खेती नेचुरल फार्मिंग पद्धति में जिमीकंद की फसल सफलता के साथ बड़े आकार में ली जा सकती है

बड़े आकार की जिमीकंद की खेती में विशेष सावधानी।।Special care in cultivation of large size Elephant Foot Yam.






बड़े आकार की जिमीकंद Elephant Foot Yamकी खेती करने से पहले  विशेष सावधानी के अंतर्गत जल निकासी की व्यवस्था भूमि में अच्छी रहनी चाहिए जल निकासी की व्यवस्था सही रहने से पौधे की बढ़त बहुत ही अच्छी तरीके से होती है

जिमीकंद की फसल एक फसल से दूसरी फसल की बीच की दूरी 2 फीट तक रखी जा सकती है।




बड़े आकार में जिमीकंद कैसे करें, बिग जिमीकंद की खेती ।। How to do large size Elephant Foot Yam, big Elephant Foot Yam cultivation.



सबसे बड़ी लाभ, लागत में कमी मुनाफा बढ़ा लिया जा सकता है।।The biggest advantage is cost reduction, profits can be increased.


खेती किसानी के दौरान हम अगर हर फसल के बीज का संग्रहण करते हैं तो काफी हद तक लागत को कम की जा सकती है किसी तरह के रसायन और कीटनाशक का प्रयोग जिमीकंद की खेती के दौरान करने की जरूरत नहीं है इस वजह से इसकी लागत बहुत ही कम आती है और 6 से 7 महीने की फसल होने की वजह से उत्पादन की मात्रा बढ़ जाती है हर बार मजदूरी लगाने की इसमें जरूरत नहीं पड़ती इस तरह जिमीकंद की खेती करने से हर किसान को भरपूर लाभ मिल सकता है

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