खस ग्रास उगाकर भी कर सकते हैं लाखों में आमदनी, जानिए कैसे उगाई जाती है खस ग्रास।Income can be made in lakhs by growing vetiver , know how to grow vetiver grass

 

खस ग्रास उगाकर भी कर सकते हैं लाखों में आमदनी, जानिए कैसे उगाई जाती है खस ग्रास।Income can be made in lakhs by growing  vetiver , know how to grow vetiver grass


  ग्रीष्मकालीन महीनों में अत्याधिक गर्मी होने की वजह से भारत के हर घर में कूलर रात दिन लोगों को शीतलता प्रदान कर रहा है। कूलर में शीतलता लाने के लिए कूलर के तीनों तरफ घास की चटाई बना दी जाती है यह चटाई खस vetiver के जड़ों से ही तैयार की जाती है। खस vetiver के जड़ों में तेल  विद्यमान रहता है जिसकी सुगंध से ही शीतलता महसूस की जा सकती है।
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खस की खेत











खस vetiver के जड़ से तेल निकाल के शरबत हेतु भी उपयोग में ली जाती है। भारत के प्रसिद्ध शरबत रूह अफजा खस के जड़ों के तेल से ही तैयार होती है।  बहुत सारी मिठाइयों में ठंडाई में खस उपयोग में ली जाती है ।
औषधीय गुणों से भरपूर खस एक ग्रास वर्गी फसल है। जो किसी भी प्रकार की भूमि में जहां पर्याप्त नमी रहे आसानी से उगाई जा सकती है।

खस घास की उपयोगिता।Utility of vetiver grass

  •  खस की चटाई बनाने हेतु
  • खस की शरबत बनाने हेतु
  • श्रृंगारिका प्रसाधन बनाने हेतु खस के तेल का उपयोग किया जाता है।
  • पानी की शुद्धिकरण हेतु खस के जड़ का उपयोग किया जाता है।
  • खस के घास के पत्तों से घरेलू सजावट की सामान बनाई जाती है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में खस के घास से मकान बनाने हेतु भी उपयोग में ली जाती है।
  • बारिश के महीनों में बाढ़ की वजह से भूमि कटाव होने से बचाने हेतु खस के घास उगाई जाती है ताकि भूस्खलन ना हो।
  • अम्लीय और बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने हेतु खस के घास भूमि में रोपण की जाती है। जिसकी वजह से भूमि उपजाऊ हो जाती है और अम्लीय पूरी तरह से खत्म हो जाती है।






 जंगली पद्धति से खस की खेती कैसे करें ?  How to cultivate vetiver  by wild method?

नेचुरल फार्मिंग में खस की खेती kheti करने हेतु किसी भी प्रकार की भूमि उपयुक्त रहती है। भूमि में पर्याप्त नमी होना आवश्यक है ।खस की खेती(kheti) खस के पौधा अन्य किसानों से लेकर अपने खेत में इसका रोपण मानसून के महीनों में कर देनी चाहिए। ज्यादातर जुलाई-अगस्त सितंबर तक पौधारोपण कर सकते हैं। पौधा रोपण करते समय पर स्टिक की दूरी 30 सेंटीमीटर से लेकर 60 सेंटीमीटर के बीच और2:30 से 3 फीट की दूरी में रोपण करना उपयुक्त रहता है। बारिश में भूमि कटाव को रोकने के लिए 30 सेंटीमीटर में भी लगाया जा सकता है। खेेेेेत में रोपण करने के उपरांत फसल कई साल तक ली जा सकती है ।खस की खेती ( kheti)के साथ-साथ मध्यम और बड़े वर्ग के पेड़ का भी रोपण कर सकते हैं। मध्यम और बड़े वर्ग के पेड़ पौधे खस की खेती( kheti) की वजह से पूरा तरह से अच्छे ग्रोथ करते हैं।


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Vetiver farming 






















     खस घास को लगाने की प्रति एकड़ लागत और प्रति एकड़ मुनाफा कितना है ।What is the cost per acre and profit per acre of planting vetiver grass

खस घास से तेल उसके जड़  पेराई कर आसवन विधि के द्वारा निकाला जाता है। ताजे जड़ को पानी में अच्छे से सफाई कर  पेराई कर के उसे आसवान हेतु बड़े हाड़ी में डाल के पूरी तरह से गर्म कर तेल को अलग किया जाता है।

खस लगाने की प्रति एकड़ लागत 60000से ₹65000 आती है खस की अलग-अलग वैरायटी है ।किसी वैरायटी में1 वर्ष में तैयार हो जाती है कुछ वैरायटी 18 महीना में तैयार होती है

 खस का तेल प्रति एकड़ 8 किलो से 10 किलो तक मिल जाता है ।बाजार रेट औसतन प्रति लीटर तेल की कीमत ₹20000 मिलती है ।

10 लीटर तेल की मूल्य ₹200000 और लागत ₹65000 प्रति एकड़ तेल बेच के एक से सवा लाख रूपया तक कमाया जा सकता है ।और मध्यम और बड़े पेड़ लगाने से जो आमदनी होगा वह अतिरिक्त आमदनी हर किसान को मिल सकता है।

 जंगली खेती विधि नेचुरल फार्मिंग मेथड से अगर हम खस की और मल्टी फार्मिंग साथ में करते हैं। अच्छे आय के साथ ही भूमि की गुणवत्ता बढ़ते ही चले जाएगी।



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Vetiver grass




किसानों के लिए खस की खेती करने से सबसे बड़े फायदे कौन से हैं।What are the biggest benefits for farmers from cultivating vetiver grass?

खस की खेती  (kheti)एक बार शुरू करने के बाद आने वाले वर्षों में इसकी लगाने की कोई भी लागत नहीं लगती है ।और आज के समय में जड़ खनन हेतु भी बहुत कम  लागत होगी। क्योंकि अत्याधुनिक जेसीबी मशीन द्वारा भी जड़ खनन किया जाता है जो प्रति घंटा 800 से 1000 रूपया तक ही मशीन का किराया आता है।

किसानों के लिए खस की खेती (kheti) करने की सबसे बड़ी फायदे यह है उनके खेत पूरी तरह से  मन्चिंग हो जाती है। जिसकी वजह से पानी खेत में कम उपयोग में लिया जा सकता है खस की जड़ की विशेषता है। इसकी जड़ भूमि में बहुत गहराई तक जाती है जिस वजह से भूमि कि पानी  सतह में आ जाती है। भूमि हमेशा नम रहती है साथ ही भूमि की उपजाऊ क्षमता और भूमि का फंगल का प्रकोप भी कम हो जाता है।

खस की खेती  (kheti) से दूसरे बड़े फायदे हैं अगर हमारे खेत पूरी तरह से खरपतवार की वजह से हम कोई भी फसल ना ले पा रहे हो तो खस की खेती (kheti) शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि खस की खेती ( kheti)करने से अन्य खरपतवार का नियंत्रण स्वता से हो जाता है खास की रोपण करने के उपरांत पहली 6 महीनों में खस के खरपतवार को नियंत्रण हेतु किसी औजार से  काट के भूमि में दबा के जंगली खेती विधि से नियंत्रण करें इसके उपरांत में खरपतवार की नियंत्रण करने की जरूरत नहीं है क्योंकि खस की बढ़त होने के बाद भूमि को पूरी तरह से ढक देती है जिस वजह से खरपतवार वापस पनप नहीं पाते है। 2 वर्ष की फसल लेने के उपरांत जड़ को गहरी जुताई से निकाल के अन्य सब्जी वर्गी कोई भी फसल लेने से जमीन की उपजाऊ क्षमता बड़ी होने की वजह से दूसरी फसल भी अच्छी निकल कर आती है

छोटे  किसान के लिए खस की खेती ( kheti) वरदान साबित हो सकती है।vetiver farming can prove to be a boon for the small farmer.


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Vetiver bags



















कम भूमि वाले किसान के लिए खस की खेती (kheti)वरदान साबित हो सकती है क्योंकि ख़स के  घास से घरेलू सजावट की बहुत सी समान बनाई जाती है। जिसकी लागत किसान को लगाने की जरूरत नहीं है कुशल प्रशिक्षण लेकर इसे घर बैठे काम को शुरू किया जा सकता है।

 खस के लेडीस बैग ,गुलदस्ते, हस्त चलित डिजाइनिंग वाले पंखे आदि अनगिनत वस्तु बनाई जा सकती है जिसका अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य बहुत ज्यादा होने की वजह से विदेश में निर्यात की जाती है।

खस के ऑयल का विदेशी बाजार।Foreign market of vetiver oil


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Vetiver oil



 भारत में खस की खेती  (kheti)उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत में साथ ही साथ दक्षिण भारत के तमिलनाडु केरल कर्नाटक में की जाती है ।अंतरराष्ट्रीय बाजार में 250 से 350 tan खस की ऑयल की खपत है ।और भारत में कम से कम 100 टन तक की उत्पादन होती है जो यह दर्शाता है ।कि हमें खस की खेती की अपार संभावनाएं  अंतरराष्ट्रीय बाजार में बन रही है।


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