खस ग्रास उगाकर भी कर सकते हैं लाखों में आमदनी, जानिए कैसे उगाई जाती है खस ग्रास।Income can be made in lakhs by growing vetiver , know how to grow vetiver grass
खस ग्रास उगाकर भी कर सकते हैं लाखों में आमदनी, जानिए कैसे उगाई जाती है खस ग्रास।Income can be made in lakhs by growing vetiver , know how to grow vetiver grass
खस की खेत |
खस घास की उपयोगिता।Utility of vetiver grass
- खस की चटाई बनाने हेतु
- खस की शरबत बनाने हेतु
- श्रृंगारिका प्रसाधन बनाने हेतु खस के तेल का उपयोग किया जाता है।
- पानी की शुद्धिकरण हेतु खस के जड़ का उपयोग किया जाता है।
- खस के घास के पत्तों से घरेलू सजावट की सामान बनाई जाती है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में खस के घास से मकान बनाने हेतु भी उपयोग में ली जाती है।
- बारिश के महीनों में बाढ़ की वजह से भूमि कटाव होने से बचाने हेतु खस के घास उगाई जाती है ताकि भूस्खलन ना हो।
- अम्लीय और बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने हेतु खस के घास भूमि में रोपण की जाती है। जिसकी वजह से भूमि उपजाऊ हो जाती है और अम्लीय पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
नेचुरल फार्मिंग में खस की खेती kheti करने हेतु किसी भी प्रकार की भूमि उपयुक्त रहती है। भूमि में पर्याप्त नमी होना आवश्यक है ।खस की खेती(kheti) खस के पौधा अन्य किसानों से लेकर अपने खेत में इसका रोपण मानसून के महीनों में कर देनी चाहिए। ज्यादातर जुलाई-अगस्त सितंबर तक पौधारोपण कर सकते हैं। पौधा रोपण करते समय पर स्टिक की दूरी 30 सेंटीमीटर से लेकर 60 सेंटीमीटर के बीच और2:30 से 3 फीट की दूरी में रोपण करना उपयुक्त रहता है। बारिश में भूमि कटाव को रोकने के लिए 30 सेंटीमीटर में भी लगाया जा सकता है। खेेेेेत में रोपण करने के उपरांत फसल कई साल तक ली जा सकती है ।खस की खेती ( kheti)के साथ-साथ मध्यम और बड़े वर्ग के पेड़ का भी रोपण कर सकते हैं। मध्यम और बड़े वर्ग के पेड़ पौधे खस की खेती( kheti) की वजह से पूरा तरह से अच्छे ग्रोथ करते हैं।
Vetiver farming |
खस घास को लगाने की प्रति एकड़ लागत और प्रति एकड़ मुनाफा कितना है ।What is the cost per acre and profit per acre of planting vetiver grass
खस घास से तेल उसके जड़ पेराई कर आसवन विधि के द्वारा निकाला जाता है। ताजे जड़ को पानी में अच्छे से सफाई कर पेराई कर के उसे आसवान हेतु बड़े हाड़ी में डाल के पूरी तरह से गर्म कर तेल को अलग किया जाता है।
खस लगाने की प्रति एकड़ लागत 60000से ₹65000 आती है खस की अलग-अलग वैरायटी है ।किसी वैरायटी में1 वर्ष में तैयार हो जाती है कुछ वैरायटी 18 महीना में तैयार होती है
खस का तेल प्रति एकड़ 8 किलो से 10 किलो तक मिल जाता है ।बाजार रेट औसतन प्रति लीटर तेल की कीमत ₹20000 मिलती है ।
10 लीटर तेल की मूल्य ₹200000 और लागत ₹65000 प्रति एकड़ तेल बेच के एक से सवा लाख रूपया तक कमाया जा सकता है ।और मध्यम और बड़े पेड़ लगाने से जो आमदनी होगा वह अतिरिक्त आमदनी हर किसान को मिल सकता है।
जंगली खेती विधि नेचुरल फार्मिंग मेथड से अगर हम खस की और मल्टी फार्मिंग साथ में करते हैं। अच्छे आय के साथ ही भूमि की गुणवत्ता बढ़ते ही चले जाएगी।
Vetiver grass |
किसानों के लिए खस की खेती करने से सबसे बड़े फायदे कौन से हैं।What are the biggest benefits for farmers from cultivating vetiver grass?
खस की खेती (kheti)एक बार शुरू करने के बाद आने वाले वर्षों में इसकी लगाने की कोई भी लागत नहीं लगती है ।और आज के समय में जड़ खनन हेतु भी बहुत कम लागत होगी। क्योंकि अत्याधुनिक जेसीबी मशीन द्वारा भी जड़ खनन किया जाता है जो प्रति घंटा 800 से 1000 रूपया तक ही मशीन का किराया आता है।
किसानों के लिए खस की खेती (kheti) करने की सबसे बड़ी फायदे यह है उनके खेत पूरी तरह से मन्चिंग हो जाती है। जिसकी वजह से पानी खेत में कम उपयोग में लिया जा सकता है खस की जड़ की विशेषता है। इसकी जड़ भूमि में बहुत गहराई तक जाती है जिस वजह से भूमि कि पानी सतह में आ जाती है। भूमि हमेशा नम रहती है साथ ही भूमि की उपजाऊ क्षमता और भूमि का फंगल का प्रकोप भी कम हो जाता है।
खस की खेती (kheti) से दूसरे बड़े फायदे हैं अगर हमारे खेत पूरी तरह से खरपतवार की वजह से हम कोई भी फसल ना ले पा रहे हो तो खस की खेती (kheti) शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि खस की खेती ( kheti)करने से अन्य खरपतवार का नियंत्रण स्वता से हो जाता है खास की रोपण करने के उपरांत पहली 6 महीनों में खस के खरपतवार को नियंत्रण हेतु किसी औजार से काट के भूमि में दबा के जंगली खेती विधि से नियंत्रण करें इसके उपरांत में खरपतवार की नियंत्रण करने की जरूरत नहीं है क्योंकि खस की बढ़त होने के बाद भूमि को पूरी तरह से ढक देती है जिस वजह से खरपतवार वापस पनप नहीं पाते है। 2 वर्ष की फसल लेने के उपरांत जड़ को गहरी जुताई से निकाल के अन्य सब्जी वर्गी कोई भी फसल लेने से जमीन की उपजाऊ क्षमता बड़ी होने की वजह से दूसरी फसल भी अच्छी निकल कर आती है
छोटे किसान के लिए खस की खेती ( kheti) वरदान साबित हो सकती है।vetiver farming can prove to be a boon for the small farmer.
Vetiver bags |
कम भूमि वाले किसान के लिए खस की खेती (kheti)वरदान साबित हो सकती है क्योंकि ख़स के घास से घरेलू सजावट की बहुत सी समान बनाई जाती है। जिसकी लागत किसान को लगाने की जरूरत नहीं है कुशल प्रशिक्षण लेकर इसे घर बैठे काम को शुरू किया जा सकता है।
खस के लेडीस बैग ,गुलदस्ते, हस्त चलित डिजाइनिंग वाले पंखे आदि अनगिनत वस्तु बनाई जा सकती है जिसका अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य बहुत ज्यादा होने की वजह से विदेश में निर्यात की जाती है।
खस के ऑयल का विदेशी बाजार।Foreign market of vetiver oil
Vetiver oil |
भारत में खस की खेती (kheti)उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत में साथ ही साथ दक्षिण भारत के तमिलनाडु केरल कर्नाटक में की जाती है ।अंतरराष्ट्रीय बाजार में 250 से 350 tan खस की ऑयल की खपत है ।और भारत में कम से कम 100 टन तक की उत्पादन होती है जो यह दर्शाता है ।कि हमें खस की खेती की अपार संभावनाएं अंतरराष्ट्रीय बाजार में बन रही है।
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Utility of vetiver grass
How to cultivate vetiver by wild method?
What is the cost per acre and profit per acre of planting vetiver grass
vetiver farming can prove to be a boon for the small farmer.
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