Farmer।बारहमासी अरहर की खेती जंगली विधि कैसे करें।How to cultivate pigeonpea wild method

 Farmer। बारहमासी अरहर की खेती जंगली विधि कैसे करें।How to cultivate pigeonpea wild method

India। भारत में अरहर की खेती। भारतीय भोजन में अरहर का दाल  के बगैर भोजन की ही नहीं जा सकती ।दाल चावल दाल रोटी आदि भारतीय भोजन है  और लोकप्रिय भोजन  भी है। हर घर में दाल चावल के बगैर भोजन की ही नहीं जा सकती 
अरहर दाल में सर्वाधिक प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट  लोहा  अन्य मिनरल प्रचुर मात्रा में रहते हैं पोषण से संबंधित मिनरल इन में विद्यमान रहते हैं चावल में पोषक तत्व की मात्रा को दाल के साथ दूर किया जा सकता है और पूरी तरह से संतुलित आहार दाल चावल मनुष्य के भोजन के लिए सर्वश्रेष्ठ भोजन है



Farmer।अरहर की खेती का समय।cultivation time

अरहर की खेती भारत में सभी प्रांतों में की जाती है ।यह मानसून के आरंभ में इसकी बुवाई की जाती है अरहर एक बहु वर्षी फसल है फसल होने के उपरांत इन की कटाई छटाई कर देने से आने वाले वर्षों में फिर से फसल तैयार हो जाती है भारतीय खेती किसानी परंपरा में इन्हें हम अपने  मेड में लगाना पसंद करते हैं खेत के मेड़ में लगाने से बारिश के दिनों में इनकी बढ़त अच्छी रहती है और जड़ गलन की समस्या पानी की वजह से नहीं हो पाती है

अरहर की खेती करने का तरीका।Method of cultivation of pigeonpea

अरहर के पौधे लगाने से जमीन की उपजाऊ क्षमता बढ़ जाती है अरहर एक nitrogen-fixing वाला पौधा है जिनकी वजह से अन्य फसल को नाइट्रोजन मिलने से अन्य फसल की बढ़त भी अच्छी रहती है जिस वजह से जंगली खेती में अरहर की फसल को प्रमुखता से ली जाती है 

Farmar।अरहर की फसल लेने की शुरुआत कब और  कैसे करे ।When and how to begin harvesting pigeonpea।अरहर की खेती जानकारी।अरहर की खेती करने की विधि

  Farmer।अरहर की खेती कब करें  । अरहर दाल मानसून के आरंभ में इसकी बुवाई की जाती है जंगली खेती विधि में इसे दो से 5 फीट की दूरी में बुवाई की जा सकती है अरहर का पौधा 5 से 6 फीट की ऊंचाई लिए होता है नाइट्रोजन फिक्सिंग होने की वजह से अरहर के साथ मिक्स सब्जियों की खेती की जा सकती है अरहर के पौधे लगाने के बाद खाद के रूप में जैविक कार्बन जैविक अवशिष्ट पदार्थ को ऊपर से मचिंग कर दी जाने से पौधे भी समय पर अच्छी बढ़त मिल सकती है अतः हमें अरहर की खेती करनी हो तो हमें देसी और स्थानीय बीज का ही चयन करना चाहिए जो हमारे वातावरण के अनुकूल रहे और अच्छा से उस पौधे का बढ़त मिल सके




जंगली खेती में अरहर की खेती करते समय खेती की जुताई नहीं करनी है सिर्फ अरहर के बीज की बुवाई छोटे औजार से की जा सकती है अरहर में फल्ली लगने के उपरांत पूरी तरह से परिपक्व हो जाने के पश्चात उसे जितना क्षेत्र में फलिया लगे हैं उतनी ही क्षेत्र तक की कटाई कर अरहर के फली को निकाल लेनी चाहिए अरहर की फली को कुटाई के उपरांत दाल के रूप में इस्तेमाल में ली जाती है अरहर दाल बाजार रेट ₹100 से ₹125 किलो तक मिलती है और पूरी तरह से जैविक खेती करने से अरहर के गुणवत्ता उच्च तम रहती है अरहर की खेती जंगली तरीके से करने का प्रमुख उद्देश्य है जहर मुक्त फसल का उत्पादन लेना।

How to cultivate pigeonpea wild method 

cultivation time

Method of cultivation of pigeonpea

When and how to begin harvesting pigeonpea




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