रसोई के अनुपयोगी कचरे से खाद।Composted from kitchen waste

रसोई के अनुपयोगी कचरे से खाद।Composted from kitchen waste

 ऋषि पद्धति में बिना जुताई के खेती की जाती हैं। और रसायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। पौधे प्राकृतिक रूप से पनपते हैं, वृद्धि करते हैं।










आमतौर पर सभी घरों में कुछ आंगन होता है। या कुछ जमीन खाली होती है, उसका उपयोग ऋषि पद्धति द्वारा सब्जी भाजी बोने के लिए कर सकते हैं। घर के आसपास ऐसी छोटी सी जमीन उपलब्ध हो तो उसका उपयोग सब्जी बोने के लिए कर सकते हैं। घरों में प्रयोग होने वाले सब्जी जैसे करेला, भिंडी, हरी मिर्च, बरबट्टी या  लोबिया के बीज  काटते समय या छीलते समय बच जाते हैं। कभी-कभी सब्जी नरम नहीं होती है, तो इन सब्जियों को फेंक दिया जाता है। ऐसे सब्जियों को फेंके नहीं। उनमें से बीज निकालकर उन्हें किसी धूप वाली जगह पर रखें। कुछ दिनों में यह बीज तैयार हो जाते हैं। इन बीजों को आंगन या उपयुक्त खाली जगह में बिखेर दें। वर्षा आने पर उपयुक्त मौसम मिलने पर यह बीज स्वयं उग आते हैं। इन पौधों के आसपास गिरे हुए पत्ते या घरों से निकलने वाले सब्जी के छिलके केले के छिलके आदि किनारे डाल दे। कुछ समय बाद यह खाद के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।बीच-बीच में पानी का छिड़काव आवश्यक है। जिससे पौधों को पानी मिलता रहे। इससे पौधों की बढ़वार अच्छी हो जाती है।









रसोई से निकलने वाले अनुपयोगी चीजों से खाद बनाना

घरों में सब्जी का उपयोग सभी करते हैं। सब्जी काटने के बाद उनके छिलकों को फेंक देते हैं। छिलकों को फेंके नहीं इसका उपयोग पौधों के लिए खाद बनाने के लिए कर सकते हैं। इसके लिए जमीन में  करीब 1 फुट का गड्ढा बना ले। इन सब्जियों के छिलकों को रोजाना इस गड्ढे में डालें। यह गड्ढे करीब-करीब भरने लगे तो कुछ मिट्टी डालकर उस गड्ढे को मिट्टी से ढक दें। पानी से सिंचाई कर दे। एक दिन छोड़कर बीच-बीच में इस पर पानी का छिड़काव करें।  करीब 15 दिनों के बाद इस गड्ढे में डाले गए सब्जियों के छिलके खाद बन जाते हैं। 





 


 

बने हुए खाद को एकत्र करके रख ले। घरों के आंगन में या गमलों में जो भी पौधे लगे हैं। उनके चारों तरफ इस खाद को फैला दें। इससे पौधों को भरपूर पोषण मिलता है।  रसायनिक खाद के प्रयोग के बगैर ही पौधे अच्छी तरह बढ़वार प्राप्त कर लेते हैं। अच्छी ताजी सब्जी  मिल जाती है। इस तरह रसोई से निकलने वाले कचरे का सदुपयोग कर लेते हैं। स्वयं के घरों में उगे सब्जी का आनंद ले सकते हैं। जो जहर मुक्त सब्जी है और कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया गया है। यदि बीज उपलब्ध नहीं है, तो बाजार में कम दामों में भाजी के बीच उपलब्ध होते हैं। हरी साग पत्तेदार भाजी इनके बीजों को जमीन पर बिखेरे। गिरे हुए पत्ते या रसोई से निकलने वाले सब्जियों के छिलकों को इनके ऊपर डाल दे मौसम अनुकूल होने पर यह सब्जी भाजी के बीज स्वयं उग जाते हैं।










पेड़ों से गिरने वाले पत्ते एकत्र कर इन पत्तों को पौधों के आसपास बिखेरे। गमलों में डाल दें, इस तरह इससे पौधों को खाद मिलता है। पौधे अच्छी तरह बढ़ते हैं। इस तरह  घरों से निकलने वाले अनुपयोगी चीज जिसे हम फेंक देते हैं। उसे खाद के रूप में बदल सकते हैं और छोटे पौधों में खाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। गमलों में उपयोग कर सकते हैं। इससे पौधों की बढ़वार अच्छी होती है। और रसोई के कचरो का सदुपयोग  हो जाता है।


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