कंद मूल की जंगली खेती के बारे में जानकारी 2021Information about wild farming of tuber origin

 कंद मूल की जंगली खेती के

 बारे में जानकारी।

 2021 Information

 about wild farming

 of tuber origin 


कंद मूल क्या होता है
कंदमूल किसे कहते हैं
कंदमूल का पौधा कैसा होता है
कंद मूल फल किसे कहते हैं जमीन की सतह पर जो भी  राइजोम या गांठ जिसे भोजन के तौर पर प्रयोग में लिया जा सकता है

कंद मूल की खेती एक आसान खेत है जो हर किसान को करना चाहिए जमीन के निचले सतह में जड़ राइजोम जो खाने योग्य और उसका स्वाद साथ ही पोस्टिक रहता है जिसमें मिनरल कार्बोहाइड्रेट और विटामिंस की मात्रा भरपूर रहती है जो हमारे शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करती है कंद मूल का पौधा सामान्य कद में और बेल लता में भी होता है कंदमूल की


जंगली खेती आप सबको इससे संबंधित जानकारी प्रदान करती है। कंदमूल सब्जी की खेती से लाभ। कम समय में ज्यादा बिकने वाली सब्जी है

कंदमूल का पौधा कैसा होता है । इनके पौधे अलग-अलग प्रकार के होते हैं । कोई  झाड़ी नुमा होता है कोई बेल वर्गी 

खाने योग्य कंदमूल के नाम और उनकी उपयोगिता।Edible tuber origin Names and their usefulness.

1  आलू potato     भारतीय सब्जी में जाना पहचाना नाम है। बिना आलू के भारतीय सब्जी और व्यंजन बन नहीं सकता।
सब्जियों का राजा आलू भारतीय किसी भी सब्जी में आलू को मिलाकर करी तैयार की जाती है ।जो आलू डालने की वजह से करी का स्वाद बढ़ जाता है ।आलू का चिप्स बहुत सारे  कंपनी द्वारा निर्माण कर मार्केट में सेल करते हैं आलू का पौधा कंद से तैयार किया जाता है|कम समय मे  ज्यादा बिकने वाली सब्जी





2 प्याज onion    प्याज एक व्यापारिक के सब्जी है ।भारतीय प्याज को सर्वाधिक प्रयोग में लेते हैं ।मसालेदार पूरी सब्जी में प्याज का उपयोग किया जाता है ।प्याज एक शल्क कंद वर्गीय सब्जी है इसकी बुवाई बीज से भी की जाती है।कम समय मे  ज्यादा बिकने वाली सब्जी।













3 लहसुन garlic   औषधि युक्त सब्जी है ।और मसाले के रूप में प्रयोग की जाती है । मार्केट में लहसुन का पेस्ट हर किराना स्टोर में उपलब्ध है ।इसकी बुवाई कलियों से की जाती है।
















4 शलजम turnip   हमारे शरीर की खून की कमी को दूर करता है। सलाद में मुख्य रूप से उपयोग की जाती है इसकी बुवाई बीज  से की जाती है।


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5 अरबी colocasia    इसके पत्ती बेसन की साथ कि सब्जी लोकप्रिय है। कंद पौष्टिक खुजली वाले लसदार होते हैं इन के पत्तों में विटामिन ए अत्याधिक मात्रा में होती हैैैैै। कैल्शियम फास्फोरस आयरन भी पाया जाता है।अरबी को कंद से रोपण की जाती है। अरबी सब्जी की खेती से लाभ है




6 जिमीकंद सूरन elephant foot   जिमीकंद कंद के रूप में उबालकर या अचार या सुखा के भोजन में उपयोग की जाती है। इसकी उत्पत्ति स्थल भारत ही माना जाती है ।सूरत में खुजलाहट कैल्शियम ऑक्सलेट के कारण होता है ।जो अम्ल खट्टा के साथ उबालने पर समाप्त हो जाता है जिमीकंद के डंठल का उपयोग बड़ी बनाने हेतु बहुत से गृहणी प्रयोग में लेती है ।जिमीकंद को कंद से रोपण की जाती है ।


7 चुकंदर    beet root    चुकंदर सलाद तथा अन्य सब्जियों के साथ पकाकर उपयोग की जाती है। चुकंदर में खनिज तत्व कैल्शियम फास्फोरस विटामिन सी भरपूर मात्रा में होती है। चुकंदर से शक्कर तैयार की जाती है तथा वह भूख को शांत करता है। चुकंदर को बीज से रोपण की जाती है।

8 गाजर carrot    सलाद के रूप में उपयोग की जाती है ।गाजर से मुरब्बा तथा जैम तैयार की जाती है। गाजर का हलवा भारतीयों को बहुत पसंद है। गाजर को बीज रोपण की जाती है।

कम समय मे  ज्यादा बिकने वाली सब्जी
9 मूली radish    मूली सलाद के रूप में प्रयोग की जाने वाली सब्जी है। संपूर्ण देश में गृह उद्यानों में उगाया जाता है मूली में गंध सल्फर यौगिक के कारण होता है जो पाचन क्रिया को दुरुस्त करताहै । मूली की सब्जी की खेती से लाभ है कम समय में ज्यादा बिकने वाली सब्जी है



10 हल्दी turmeric  हल्दी महत्वपूर्ण औषधि युक्त मसाले वाली फसल है। हल्दी का उपयोग मसालों तथा रंगों में होता है हल्दी में औषधि गुण होने की वजह से आधुनिक समय में सर्वाधिक प्रयोग में लिया जाने लगा है।





11 अदरक ginger    अदरक के बिना चाय का स्वाद मिल नहीं सकता। अदरक का पेस्ट आज के समय में पूरी सब्जी में उपयोग में ली जाती है। अदरक को कंद से रोपण की जाती है।










12 शकरकंद sweat potato।   शकरकंद उपयोगी कंद फसल है। शकरकंद उबालकर के  खाया जाता है ग्लूकोस की मात्रा अधिक होती है ।यह एक बेल वाली फसल है शकरकंद को बेल लता कलम से लगाया जाता है।














13 टैपिओका    एक कलम से लगने वाले पौधा है ।भारत के केरल में इसे कप्पा कहा जाता है जो वहां के ट्रेडिशनल व्यंजन में प्रयोग में लाया जाता है ।सवेरे के नाश्ते में केरल के निवासी कप्पा का प्रयोग करते हैं । टैपिओका कप्पा को कलम से लगाया जाता है।












रतालू dioscoria     रतालू भारत में आदिवासी क्षेत्र में बहुतायत में प्रयोग में ली जाती है ।जंगली खेती में आसानी से ऊपर हो जाने वाली खेती रतालू है ।सेमर  कंद भी कहा जाता है क्योंकि इसके पत्ते सेमर के पेड़़ की तरह होते हैं ।यह एक बेल वर्गी पौधा है इन्हेंं भी कंद रोपण की जाती है और 200 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त की जा सकती है।







जंगली कंद मूल की खेती।

कंदमूल के फायदे।

Cultivation of wild

 tuber origin.

 Benefits of tuber

 origin


जंगली खेती में हम अगर कंदमूल की खेती करते हैं। तो हमें कंदमूल के जो भी औषधि गुण है बड़े हुए मात्रा में हमें प्राप्त होगी जो हमारे स्वास्थ्य को लाभ प्रदान कर सकता है ।जंगली खेती पद्धति से कंदमूल की खेती करना बहुत ही आसान और सरल है हमें जीरो टिल पद्धति में ही खेती करना है ।

जंगली खेती में कंदमूल की खेती क्यों करना चाहिए। इसकी खेती से लाभ। 


भारतीय भूमि में जंगली खेती पद्धति से कंदमूल की खेती करना आसान है ।क्योंकि ग्रीष्मकालीन महीनों में भारतीय कृषि अधिकांश क्षेत्र में नहीं की जाती है जो हमारे लिए हानिकारक है।

ग्रीष्मकालीन महीनों में कंदमूल की खेती की तैयारी शुरू की जाती है ।अप्रैल मई के महीनों में हल्दी अदरक जिमीकंद सूरन के कंद का रोपण किया जा सकता है। कंद मूल की खेती में खरपतवार से हानि नही होती और जैविक कार्बन में इसका उत्पादन अत्यधिक रहता है। जैविक कार्बन सूखे पत्ते खरपतवार पौधे के अवशिष्ट से ही मिलता है

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