बिना जुताई के जंगली खेती, ऋषि खेती कैसे करें? seed boll
बिना जुताई के जंगली खेती, ऋषि खेती कैसे करें? seed boll
जंगली खेती में बिना जुताई की खेती
इसे करने के बहुत सारे तरीके होते हैं भूमि में जुताई नहीं होने की वजह से भूमि के सूक्ष्म जीवाणु हमेशा सक्रिय रहते हैं प्रकृति केंचुआ भूमि में हमेशा सक्रिय रहते हैं इस वजह से जल निकासी अति उत्तम रहता है
बिना जुताई की खेती करने से भूमि की प्राकृतिक संरचना खराब नहीं होती है रासायनिक खाद का उपयोग ना करने की वजह से भूमि की उपजाऊ क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ती ही चली जाती है
seed ball जमीन की चिकनी मिट्टी को छानकर उसे बीज पर एक लेप की तरह मिला दिया जाता है हल्के छांव में उसे सुखा के सीट बॉल का उपयोग हम जंगली खेती में अच्छी तरह से कर सकते हैं खरपतवार के मंचिंग के नीचे सीट बाल को हम अपनी दूरी और आवश्यकता अनुसार छिड़काव करके रोपित कर सकते हैं
seed ball method भारत सरकार के वन विभाग भी सीडबल पद्धति से जंगल का विकास कर रही है छत्तीसगढ़ वन विभाग में विगत सालों में बंजर हो चुके
वन्य भूमि में सीडबॉल का प्रयोग किया seed ball
method mein बीज पर मिट्टी का एक मोटी लेप रहती है जिसकी वजह से पक्षी और कीट बीज को नुकसान नहीं करते और बारिश आने के उपरांत बीज अंकुरित होकर भूमि में स्थापित हो जाते हैं
बिना जुताई की खेती seed ball
seed ball method-कौन से पेड़ पौधे के बीज पर अपनाया जाता है
एक चने के दाने के बराबर बीज पर अपनाया जा सकता है चना रहर सोयाबीन मूंगफली बींस इमली जामुन सूरजमुखी महुआ इस प्रकार के अनगिनत पेड़ के बीज का उपयोग हम सीडबॉल बनाने हेतु कर सकते है
Seed ball को उपयोग करने का समय
प्रकृति में पेड़ पौधे के अंकुरित होने का समय अलग अलग रहता है जो पौधा जिस माह में अंकुरित आसानी से होता है उस पेड़ के बीज को सीडबॉल बनाकर उसी माह पर खेत में छिड़क देना चाहिए
सीडबॉल पद्धति से लाभ
किसान के पास 2 से 5 10 20 एकड़ से ज्यादा होने पर खेत में खेती करना हो तो यह मेथड बहुत ही लाभकारी है इस पद्धति में लगाने की लागत पूरी तरह से शून्य है
यह मेथड पूरी विश्व में प्रचलित है विकसित देश में सीडबॉल पद्धति से खेती करते हैं और वन्य भूमि में भी इसका प्रयोग किया जाता है
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