सहजन की नर्सरी लगाने का तरीका।Method of setting up a nursery of drumstick

सहजन की खेती और नर्सरी लगाने का तरीका।how to plant drumstick nursery





सहजन की खेती किसानों के लिए बहुत ही अच्छी लाभप्रद  साबित हो सकता है सहजन किसी भी भूमि में आसानी से लगाया जा सकता है सहजन आज के समय में सुपर फूड की श्रेणी में आ गया है इस वजह से इसका खेती आकर्षित और मुनाफे का सौदा सिद्ध हो रही है 

सहजन के पत्ते उसकी पल्ली दोनों मार्केट में अच्छे दाम पर महंगे दाम पर आसानी से बिक्री हो जाती है। इस वजह से इसका मार्केट में किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या नहीं है सहजन छोटे कुपोषण हुए बच्चों के लिए बहुत ही पौष्टिक आहार के रूप में काम आता है। बच्चों का बौद्धिक विकास शारीरिक विकास  सहजन का उपयोग करने से लाभप्रद सिद्ध हो चुका है। मार्केट में औषधि गुण होने की वजह से इसका कैप्सूल में और टेबलेट के रूप में भी उत्पादन शुरू हो चुकी है 


सहजन की खेती कैसे करें 

किसान भाइयों आज हमारे हजारों लाखों एकड़ बंजर पड़े हुए हैं। जिसमें किसी भी प्रकार की कोई खेती हम उत्पादन नहीं ले पाते हैं। सहजन का फसल लेने के लिए  बंजारन ,उपजाऊ जमीन का भी उपयोग करने से हमको इसमें से उत्पादन अच्छी खासी मिल सकती है।

सहजन किसी भी प्रकार की जल निकासी युक्त भूमि में की जा सकती है। सहजन की फली हेतु खेती करने पर प्रति एकड़ 500 से 1000 पौधे का रोपण की जा सकती है।

ग्रीष्मकालीन महीनों में खेत में सहजन लगाने हेतु गड्ढे का निर्माण कर लिया जाए ।1.5×1.5.×1.5 फिट का गड्ढा तैयार कर लिया जाए। प्रति गड्ढा 15 से 20 किलो गोबर खाद मिला के गड्ढे को भर के तैयार कर दें प्रति गड्ढे का चिन्ह हेतु बंबू के लट् लगा दिया जाए।

मानसून आने के उपरांत जुलाई-अगस्त सितंबर में गड्ढे में सहजन के पौधे का रोपण नर्सरी से तैयार करने के बाद लगा दी जाए।

सहजन की नर्सरी कैसे तैयार करें


 सहजन बहुत ही आसानी से लगने वाला पौधा है।  सहजन को लगाने के लिए सबसे पहले नर्सरी तैयार करना ज्यादा अच्छा रहेगा। नर्सरी में लगाने से  बहुत ही अच्छा होता है ।मानसून के समय  की नर्सरी तैयार कर देना सबसे उचित समय  है।  पॉलिथीन में हम सहजन की नर्सरी तैयार कर सकते हैं । इस मानसून में हम अगर सहजन की नर्सरी तैयार कर रहे हैं ।तो जमीन में लगाने का समय है। आने वाले मानसून में पौधे निकालकर हम अपने खेत में रोपण कर सकते हैं। 1 वर्ष की नर्सरी तैयार करने से फायदा यह है। कि सहजन के पौधे में कंद की आकृति में जड़ तैयार हो जाता है। जो अगले वर्ष लगाने पर किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। और 100% हम पौधे को सफलता पूर्ण रोपित कर सकते हैं। हमारे जितने भी खेत में जो बंजर जमीन है। किसी भी जमीन को खाली ना छोड़े किसान भाइयों उसमें सहजन की खेती लेकर अच्छा खासा आय अर्जित कर सकते हैं। यह आज के प्रगतिशील किसान की एक मॉडल विकसित हो चुकी हैं।

सहजन कलम के द्वारा भी पौधारोपण की जाती है। इस विधि में मानसून आने के समय सहजन के कलम का रोपण सीधे भूमि में कर सकते हैं।

सहजन के पौधे की में सिंचाई व्यवस्था।

सहजन की पौध रोपण करने के उपरांत शुरू के 2 से 3 वर्ष में सिंचाई की व्यवस्था अच्छी रहनी चाहिए। बारिश के महीनों में सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ती किंतु ठंडी के दिन में  15 दिनों में एक बार और ग्रीष्मकालीन महीनों हफ्तों में एक बार सिंचाई करनी चाहिए।

सहजन की खेती करना हो तो ड्रिप सिस्टम का उपयोग करना लाभप्रद हो सकता है। इस विधि से सिंचाई करने पर सहजन के पौधे का विकास तेजी के साथ होता है। और समय पर सहजन में फलिया लगना शुरू हो जाती है।

सहजन के पौधे के लिए भूमि में औसतन नमी की आवश्यकता होती है। इसलिए इसे कम सिंचित भूमि में भी सहजन की खेती की जा सकती है।

सहजन के पौधे की कटाई छटाई कैसे करें

सहजन के पौधे की कटाई छटाई  ना करने पर यह सीधी बड़े पेड़ में परिवर्तित हो जाती है। जिसके कारण फलियां तोड़ने में असुविधा होती है। और पौधे भी कमजोर हो जाते हैं इसलिए सहजन के पौधे लगाने के उपरांत 4:30 फीट से कटाई छटाई शुरू कर देनी चाहिए। इससे भूमि के लगे हुए तने मजबूत और फसल अच्छी तरीके से तैयार होती है।

सहजन के फलिया तोड़ने के समय पौधे की कटाई छटाई करनी चाहिए।



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