जहर मुक्त फल और सब्जियां खाओ, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाओ। Eat Poison Free Fruits and Vegetables Increase Immunity
जहर मुक्त फल और सब्जियां खाओ, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाओ। Eat Poison Free Fruits and Vegetables Increase Immunity
Eat Poison Free Fruits and Vegetables |
विशाल जनसंख्या को देखते हुए कृषि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के अविष्कार होते रहे हैं ताकि जनसंख्या का भरण पोषण आसानी से होता चले जाए अविष्कार स्वरूप रासायनिक कीटनाशक और रसायनिक यूरिया का उपयोग खेती किसानी में शुरू करते ही उत्पादन की बढ़ोतरी बढ़ते चले गई
रासायनिक कीटनाशक और रसायनिक यूरिया हमारे फसल में उपयोग करने के दौरान इनके रासायनिक तत्व फसल फल सब्जियों में जाते रहे हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से हानिकारक हो चुका है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता यूनिटी पावर पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है जिस वजह से हमें हल्की सी भी संक्रमण होने से हमारा शरीर पूरी तरह से अस्वस्थ हो जाता है ।
हरी सलाद सब्जी फल के द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा के इलाज करें।Treat the disease by increasing green salad vegetable fruit.
सब्जियों फल अनाज में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित रहती है। जो हमारे भोजन के द्वारा हमारे शरीर में जहरीले रसायन और घातक बैक्टीरिया से लड़ के उन्हें बाहर करते हैं ।हरी सलाद और फल के द्वारा भी हम अपना इलाज इस विधि से कर सकते हैं। बहुत सी बड़ी बीमारी जैसे कैंसर मधुमेह बीपी मानसिक तनाव आदि हरी सलाद सब्जी फल का अधिकतम उपयोग करते हुए अपना इलाज कर सकते हैं। नियमित रूप से हरी सलाद सब्जी फल का उपयोग करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ते ही चले जाती है ।जिससे आने वाले समय में किसी भी प्रकार का संक्रमण होने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाने की वजह से हमारे शरीर में उस संक्रमण से संबंधित वायरस का असर नहीं हो पाता है और वायरस स्वता से ही शरीर से बाहर निष्कासित हो जाते हैं।
जहर मुक्त सलाद सब्जियां फल का उत्पादन जंगली पद्धति से कैसे करें।
Eat Poison Free Fruits and Vegetables |
हमारे देश में दादा दादी के नुक्सा प्रचलित है ,इस देसी चिकित्सा प्रणाली में हमारे देश की प्रचलित सब्जियों फलों का ही उपयोग सर्वाधिक वर्णन मिलता है। इस हेतु यह नुक्सा उपयोग में लाने से पहले हमें यह ज्ञात होना चाहिए फल सब्जी पूरी तरह से कीटनाशक और रसायन यूरिया युक्त ना रहे। क्योंकि कीटनाशक और रासायनिक यूरिया का उपयोग करने से उसके पूरे गुण समाप्त हो जाते हैं और रसायन हमारे सब्जियों के द्वारा हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुंचाती रहती है।
जंगली खेती पद्धति में बिना जुताई की पद्धति होने की वजह से और साथ ही साथ कीटनाशक और रसायन का उपयोग ना होने से सब्जियों और फलों की गुणवत्ता बनी रहती है। जो हमारे भोजन में उपयोग में लेने से शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते ही चले जाते हैं अतः यह चिकित्सा विधि अपनाना हो तो जहर मुक्त सब्जियों और फलों का ही उपयोग में ले।
शरीर में बड़ी सी बड़ी बीमारी होने पर इस चिकित्सा पद्धति को उपयोग में लेते रहने से सारी बीमारियां दूर हो जाती है ।औसतन रोज के 300 से 600 ग्राम तक फलों या कच्चे सलाद सब्जी का उपयोग अपने दैनिक जीवन में अपनाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारी बढ़ते ही चले जाएगी ।जो हमारे हर संक्रमण से बचाए रख सकता है।
जँगली खेती कैसे करे
जंगली खेती के सिद्धांत
बांस की नर्सरी
2जंगली खेती विधि से हल्दी और केले की खेती
3 जंगली कृषि खेती क्यों करना चाहिए
4 जंगली खेती के सिद्धांत
5 जंगली खेती जीव जंतु पर आश्रित खेती
6 बिना जुताई की खेत
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें