जंगली खेती जीव जंतु पर आश्रित खेती natural farming 2021
जंगली खेती जीव जंतु पर आश्रित खेती natural farming 2021
हम जब खेती किसानी की शुरुआत करते हैं तो सर्वप्रथम हम खेत की गहरी जुताई शुरू करके जमीन से खरपतवार और बड़े पत्थर कंकड़ साफ करके हटा दिया जाता है भूमि की जुताई करने से ही अनगिनत सूक्ष्म जीवाणु और लाभकारी केंचुआ भूमि में ही नष्ट हो जाते हैं भूमि की जो प्राकृतिक संरचना कार्यशील रहती है जोताई कर देने की वजह से नष्ट हो जाती है
भूमि में कीट पतंग जो हमारे फसल के जीवन चक्र को सुचारू रूप से संचालित करते हैं अगर हम उसे हानि पहुंचाना शुरू करते हैं रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग करने से अच्छी कीट पतंग जो हमारे मित्र होते हैं कीटनाशक का प्रयोग करने से मर जाते हैं जिसकी वजह से हमारे फसल चक्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है असल में दो तरह के कीट पतंग का वास रहता है पहला मित्र कीट दूसरा शत्रु कीट
मित्र कीट हमारे फसल के लिए परम आवश्यक होती है जो हम हमारे फसल को उत्पादन को बढ़ाते हैं प्राकृतिक संरचना में इसे तोड़ देने की वजह से हमारे फसल चक्र प्रभावित हो जाते हैं
दीमक किसान इसे अपना परम शत्रु समझता है जो फ़सल के जीवाश्म को अपना भोजन बनाता है
जंगली खेती ऋषि खेती पूरी तरह से हमारे प्रगति की जीव जंतु को साथ में लेकर किया जाने वाला खेती है शत्रु कीट रहेंगे तो मित्र की भी हमारे खेत में रहेंगे जो हमारे फसल को सुरक्षा प्रदान करते रहना उनका काम है
जंगली खेती जीव जंतु पर आश्रित खेती natural farming 2021
केचुआ हमारे खेत में ज्यादा मात्रा में रहने से हमारे खेत की उपजाऊ क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जाती है
जंगली खेती ऋषि खेती प्रकृति की संरचना को क्षति पहुंचाए बिना कार्य करती है और कम लागत में अधिक उपज प्रदान करती है भूमि में जल निकासी जंगली खेती से ही संभव हो सकता है
ऋषि खेती zero till भूमि की संरचना को सुरक्षित रखता है और परस्पर एक दूसरे पर आश्रित रहते हुए खेती करने का माध्यम तैयार करता है
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